नीतीश सरकार का तोहफा : बिहार के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में 33% सीट छात्राओं के लिए आरक्षित

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष बुधवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अभियंत्रण और चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित करने के संबंध में प्रस्तावित विधेयक का प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस दौरान सीएम नीतीश ने इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं मेडिकल कॉलेजों के छात्राओं को तोहफा दिया है।
प्रस्तुतीकरण के अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अभियंत्रण विश्वविद्यालय एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित होने से इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं मेडिकल कॉलेजों का बेहतर ढंग से प्रबंधन हो सकेगा। साथ ही कॉलेजों में अध्यापन कार्य को बेहतर ढंग से नियंत्रित भी किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई सीट छात्राओं के लिए आरक्षित की जाए। इससे छात्राओं की संख्या और बढ़ेगी। यह यूनिक चीज होगा। इससे छात्रायें उच्च और तकनीकी शिक्षा की ओर और ज्यादा प्रेरित होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं, कई मेडिकल कॉलेज भी खोले गये हैं। हमलोगों का उद्देश्य है कि इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए बिहार के बच्चे एवं बच्चियों को बाहर नहीं जाना पड़े।
इसके पहले विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से द बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी एक्ट-2021 तथा पावर एंड फंक्शन आफ यूनिवर्सिटिज, जुरिडिक्शन एवं अन्य प्रॉविजन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। जबकि स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बिहार यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइसेंज तथा पावर एंड फंक्शन आफ यूनिवर्सिटिज, जुरिडिक्शन एवं अन्य प्रोविजन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार एवं चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोनों उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, विज्ञान एवं प्रावैद्यिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी सहित अन्य वरीय अधिकारी जुड़े हुए थे।

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