चुनाव आयोग को विपक्षी दलों का संयुक्त ज्ञापन, वर्चुअल तरीके की बजाए परंपरागत शैली में हो चुनाव

पटना। बुधवार को बिहार के विपक्षी दलों के राज्यध्यक्षों व सचिवों का हस्ताक्षरयुक्त संयुक्त ज्ञापन चुनाव आयोग, बिहार को सौंपा गया। इस संयुक्त ज्ञापन में विपक्षी दलों ने प्रमुख रूप से चुनाव के वर्चुअल तरीके की बजाए परंपरागत शैली में चुनाव करवाने, जनता की व्यापक भागीदारी और चुनाव में पारदर्शिता, निष्पक्षता व विश्वसनीयता बनाए रखने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल में भाकपा-माले के धीरेन्द्र झा, सीपीआईएम के अरूण कुमार मिश्रा, सीपीआई के विजय नारायण मिश्र, रालोसपा के राजेश यादव, और हम के बीएल वैश्यंत्री शामिल थे।
चुनाव आयोग सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि सभी दलों को समान अवसर मिले, वर्चुअल तरीके की बजाए परंपरागत शैली में चुनाव हों। चुनाव आयोग यह बताए कि जिस राज्य में महज 37 प्रतिशत इंटरनेट सेवा की उपलब्धता है, वहां वर्चुअल तरीके से चुनाव कैसे हो सकता है? जाहिर है कि इसमें बड़ा भाग शहरों का ही है। धनबल के दुरुपयोग पर रोक लगे। भाजपा व जदयू अभी से वर्चुअल प्रचार में उतर चुके हैं। चुनाव की पारदर्शिता-विश्वसनीयता की रक्षा हो। पोस्टल बैलेट का दायरा बढ़ाने से चुनाव की पारदर्शिता खत्म हो जाएगी। बुजुर्गों के लिए पोस्टल बैलेट की बजाए प्राथमिकता के आधार पर अलग से बूथ बनाए जाएं। मतदान में व्यापक जनता की भागीदारी की गारंटी करें। चुनाव महामारी फैलाने का जरिया न बने। अभी सरकार के आदेश के मुताबिक, किसी आयोजन में 50 से अधिक की भागीदारी नहीं हो सकती। तब क्या 1000 वोटरों वाला बूथ कोरोना फैलाने का जरिया नहीं बन जाएगा?
संयुक्त ज्ञापन पर हस्ताक्षर : भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद प्रसाद सिंह, सीपीआई के सचिव सत्यनारायण सिंह, सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार, हम के प्रदेश अध्यक्ष बीएल वैश्यंत्री, रालोसपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश यादव शामिल हैं। जबकि कांग्रेस एवं वीआईपी पार्टी की भी सहमति बतायी जा रही है, लेकिन लॉकडाउन के कारण अचानक व्यस्तता के कारण उनके नेताओं का हस्ताक्षर नहीं हो सका।
