November 12, 2025

सीतामढ़ी में विपक्ष पर बरसे पीएम, बोले- यह चुनाव आपके बच्चों का भविष्य तय करेगा, बिहार को नहीं चाहिए कट्टा वाली सरकार

सीतामढ़ी/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के प्रचार अभियान के तहत शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीतामढ़ी में जनसभा को संबोधित किया। जनसभा में उन्होंने विपक्ष, विशेष रूप से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल सत्ता का नहीं, बल्कि बिहार के बच्चों के भविष्य का चुनाव है। प्रधानमंत्री ने जनता से एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में भारी समर्थन देने की अपील की और कहा कि “बिहार को अब कट्टा वाली सरकार नहीं, विकास और शिक्षा वाली सरकार चाहिए।”
भविष्य का चुनाव, विकास का रास्ता
सीतामढ़ी की सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह चुनाव बिहार का भविष्य तय करेगा। जंगलराज वालों के प्रचार गाने सुने हैं आपने? मंच पर छोटे बच्चे कह रहे हैं कि हमें रंगदार बनना है। क्या बिहार के बच्चों को रंगदार बनना चाहिए या डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक बनना चाहिए?” उन्होंने कहा कि बिहार को ऐसे युवाओं की जरूरत है जो स्टार्टअप के सपने देखें, जो हाथ में किताब और लैपटॉप लेकर आगे बढ़ें, न कि उन लोगों की जो कट्टा और दुनाली लेकर डर फैलाएं। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम बच्चों के हाथ में लैपटॉप दे रहे हैं और ये लोग हथियार दे रहे हैं। यह फर्क है एनडीए की सरकार और उनके शासन के बीच।”
विपक्ष पर तीखा हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने राजद और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इन दलों ने बिहार पर वर्षों तक राज किया, लेकिन राज्य को अंधकार और पिछड़ेपन में ही रखा। उन्होंने कहा, “जहां कट्टा और क्रूरता का राज हो, वहां कानून दम तोड़ देता है। जहां करप्शन और जातीय नफरत का बोलबाला हो, वहां समाज में सद्भाव कैसे रहेगा? राजद और कांग्रेस ने बिहार को हमेशा हिंसा और असुरक्षा की राह पर धकेला।” उन्होंने आगे कहा, “इन लोगों ने बिहार के युवाओं के सपनों को बंधक बना लिया था। 2005 से पहले बिहार में शाम ढलते ही लोग घरों से बाहर नहीं निकलते थे। अब जब एनडीए की सरकार आई है, तो बेटियां सुरक्षित हैं, शिक्षा का माहौल है, रोजगार के अवसर हैं। अब बिहार फिर कभी जंगलराज में नहीं लौटेगा।”
मां सीता की धरती से जुड़े प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में सीतामढ़ी की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता का उल्लेख करते हुए कहा, “मां सीता की इस पवित्र भूमि पर आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मुझे 6 नवंबर 2019 का वह दिन याद है जब मैं यहां आया था। अगले ही दिन राम मंदिर पर फैसला आना था। मैंने मां सीता से प्रार्थना की थी कि फैसला भगवान रामलला के पक्ष में आए, और वह प्रार्थना फलीभूत हुई।” उन्होंने कहा कि यह धरती हमेशा से सत्य, न्याय और मर्यादा की प्रतीक रही है। “मां सीता की यह भूमि हमें सिखाती है कि अधर्म पर धर्म की जीत निश्चित है। यही भावना बिहार के लोगों में भी दिख रही है, जो अब अंधकार छोड़ विकास का दीप जलाना चाहते हैं।”
महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण पर जोर
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में महिला सशक्तिकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “आजकल मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की चर्चा पूरे बिहार में है। हमने हर महिला के खाते में 10-10 हजार रुपये भेजे हैं। सोचिए अगर खाते नहीं खुलते तो ये पैसे कैसे पहुंचते?” उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में गरीबों और महिलाओं के हिस्से का पैसा बीच में ही लूट लिया जाता था। “कांग्रेस के नामदार प्रधानमंत्री के पिता कहते थे कि दिल्ली से 1 रुपया निकलता है तो गांव पहुंचते-पहुंचते 15 पैसे रह जाते हैं। वो कौन सा पंजा था जो 1 रुपये को 15 पैसे कर देता था? आज अगर पटना से 1 रुपया निकलता है, तो पूरे 100 पैसे सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंचते हैं।”
राहुल गांधी पर व्यंग्य
प्रधानमंत्री मोदी ने बिना नाम लिए राहुल गांधी पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “आज बिहार मछलियों का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। बिहार की मछलियां अब दूसरे राज्यों में भेजी जा रही हैं। लेकिन कुछ लोग बिहार की राजनीति में डुबकी लगाने आए हैं। वे तालाब में डुबकियां लगाकर बिहार की राजनीति में तैरने की कोशिश कर रहे हैं।” प्रधानमंत्री के इस बयान पर सभा में मौजूद भीड़ ने ठहाके लगाए और तालियों की गड़गड़ाहट से मैदान गूंज उठा।
छठ महापर्व और भावनाओं का सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में छठ महापर्व का उल्लेख करते हुए कांग्रेस और राजद पर भावनाओं का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस और राजद के लोग छठी मैया का अपमान कर रहे हैं। क्या ऐसा अपमान बिहार की माताएं और बहनें सह सकती हैं? मैं जानता हूं कि बिहार की धरती पर कोई भी व्यक्ति छठी मैया के इस अपमान को नहीं भूलेगा।” उन्होंने कहा कि छठ केवल एक पर्व नहीं बल्कि भारत की संस्कृति और आस्था का प्रतीक है। “छठ में माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे पर्व का अपमान करना बिहार की भावना का अपमान है।”
मोदी की गारंटी, जनता का विश्वास
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने देश से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा किया है। “मैंने कहा था कि राम मंदिर बनेगा, और आज राम मंदिर बन रहा है। मैंने कहा था कि अनुच्छेद 370 हटेगा, और हमने हटा दिया। मैंने कहा था कि वन रैंक वन पेंशन लागू होगा, और हमने किया। मोदी जो कहता है, वो करता है।” उन्होंने कहा कि बिहार में भी एनडीए सरकार ने जनता से किए वादे पूरे किए हैं। “नीतीश जी के नेतृत्व में बिहार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और सड़क के क्षेत्र में रिकॉर्ड प्रगति की है। अब हम अगले पांच साल में बिहार को नए स्तर पर ले जाने वाले हैं।”
एनडीए की जीत का विश्वास
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार के लोग बदलाव नहीं, भरोसा चाहते हैं। “बिहार की जनता जानती है कि विकास केवल एनडीए ही कर सकता है। एनडीए सरकार ने बिहार को अंधकार से निकालकर विकास की रोशनी दी है। अब राज्य को फिर से कट्टा और डर की राजनीति में नहीं जाने देंगे।” सभा के अंत में प्रधानमंत्री ने एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में वोट देने की अपील की और कहा, “ये चुनाव केवल सरकार चुनने का नहीं है, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने का चुनाव है। बिहार की धरती से मैं वादा करता हूं, हम बिहार को आत्मनिर्भर और विकसित राज्य बनाएंगे।”
बेतिया में अगली जनसभा
सीतामढ़ी की सभा समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी बेतिया रवाना हुए। यहां वे चनपटिया प्रखंड के कुड़िया कोठी में एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में एक और जनसभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री की इस सभा ने सीतामढ़ी में जबरदस्त राजनीतिक माहौल बना दिया है। जनसभा में उमड़ी भीड़ और जनता की ऊर्जा ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि बिहार की राजनीति अब विकास और विश्वास के रास्ते पर आगे बढ़ रही है।

You may have missed