ओवैसी का तेजस्वी पर तंज़, कहा- मुझे एक्सट्रीमिस्ट कहलाना पसंद, वे इसको अंग्रेजी में लिखकर दिखा दे
किशनगंज/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल जैसे-जैसे गर्म हो रहा है, बयानबाज़ी और वाकयुद्ध भी तेज़ होते जा रहे हैं। इसी कड़ी में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक चुनावी सभा में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और महागठबंधन के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव पर करारा हमला बोला। किशनगंज में आयोजित इस सभा में ओवैसी ने न केवल तेजस्वी पर शब्दों के तीर चलाए बल्कि अपने पुराने राजनीतिक रिश्तों का दर्द भी व्यक्त किया।
महागठबंधन में शामिल न होने से ओवैसी का दर्द
2025 के विधानसभा चुनावों के लिए ओवैसी की पार्टी ने महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई थी। खबरों के मुताबिक, उन्होंने अपनी पार्टी के लिए केवल छह सीटों की मांग की थी। लेकिन राजद की ओर से इस पर सहमति नहीं बनी। ओवैसी ने कहा कि तेजस्वी यादव ने उनकी पार्टी को गठबंधन में शामिल न करने की वजह यह बताई कि ओवैसी एक्सट्रीमिस्ट हैं, चरमपंथी हैं और समाज में डर फैलाने वाले नेता हैं। ओवैसी ने इस बयान को गहराई से व्यक्तिगत स्तर पर लिया और अपने भाषण में कहा कि तेजस्वी यादव ने उन्हें गलत तरीके से पेश किया है। उन्होंने मंच से चुनौती दी कि अगर तेजस्वी उन्हें एक्सट्रीमिस्ट कहते हैं तो पहले इसे अंग्रेजी में लिखकर दिखाएं। यह बयान सभा में मौजूद लोगों के बीच तालियों और नारों के साथ चर्चा का विषय बन गया।
एक्सट्रीमिस्ट कहलाने पर ओवैसी का बयान
ओवैसी ने कहा कि वे अपनी दाढ़ी रखते हैं, टोपी पहनते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। यदि इन वजहों से उन्हें चरमपंथी या कट्टर कहा जाता है, तो वे ऐसे किसी भी नाम से घबराते नहीं हैं। उन्होंने साफ कहा कि वे अल्लाह के अलावा किसी और के सामने सिर नहीं झुकाते। इसलिए यदि लोग उन्हें एक्सट्रीमिस्ट कहें तो भी उन्हें यह स्वीकार है। उनके इस बयान को उन्होंने सख्त और भावनात्मक दोनों तरीके से पेश किया।
सीमांचल की राजनीति और ओवैसी की पकड़
बिहार के सीमांचल क्षेत्र में ओवैसी की पकड़ पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुई है। 2020 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने सीमांचल की पांच सीटों पर जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया था। यह सफलता राजद के पारंपरिक वोट बैंक को प्रभावित करने वाली साबित हुई। हालांकि बाद में राजद ने उनके चार विधायकों को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल कर लिया था। इसी घटना के बाद से दोनों दलों के बीच खटास और भी बढ़ गई। ओवैसी का दावा है कि सीमांचल के मुसलमानों की समस्याओं पर अन्य दल केवल चुनाव के वक्त बात करते हैं, लेकिन समाधान के लिए स्थायी कदम नहीं उठाते। उन्होंने कहा कि राजद मुसलमानों के वोट तो चाहती है पर उनके लिए आवाज़ उठाने में हिचकती है।
राजद पर गंभीर आरोप
भाषण के दौरान ओवैसी ने राजद नेतृत्व पर मुसलमानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राजद नेताओं ने भागलपुर दंगे के आरोपी को सम्मानित कर मुसलमानों के घावों पर नमक छिड़कने का काम किया। उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों के खिलाफ कोई भी अन्याय या हिंसा होती है तो राजद नेताओं की ओर से स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आती। उनका आरोप था कि राजद मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में देखती है, जबकि वास्तविक अधिकार और सम्मान देने में असफल रहती है।
बिहार में सीएम चेहरे पर बड़ा दावा
ओवैसी ने सभा में यह बड़ा दावा किया कि इस बार सीमांचल का ही बेटा बिहार का मुख्यमंत्री बनेगा। यह बयान उनके राजनीतिक अभियान का मुख्य संदेश बनता दिखाई दे रहा है। उनका मानना है कि सीमांचल की सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक स्थिति की उपेक्षा लंबे समय से की जा रही है और इस क्षेत्र की आवाज़ को अब राजनीतिक नेतृत्व में स्थान मिलना चाहिए। बिहार चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप तेज होते जा रहे हैं। ओवैसी और तेजस्वी यादव के बीच यह टकराव केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सीमांचल और अल्पसंख्यक राजनीति की दिशा तय करने वाला मुद्दा बन चुका है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह वाकयुद्ध मतदाताओं की सोच और चुनावी परिणामों को किस हद तक प्रभावित करेगा।


