नालंदा में यात्रियों की बस और पिकअप में टक्कर से हादसा, 9 लोग घायल, 3 की हालत गंभीर

नालंदा। बिहार के नालंदा जिले में गुरुवार को एक बड़ा सड़क हादसा हुआ, जिसमें यात्रियों से भरी एक बस और मालवाहक पिकअप आपस में टकरा गई। इस दुर्घटना में कुल 9 लोग घायल हो गए, जिनमें से 3 की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
कहां और कैसे हुआ हादसा
यह दुर्घटना नालंदा जिले के बिंद थाना क्षेत्र में स्थित फोरलेन चौक पर हुई। बताया जा रहा है कि बस रांची से खगड़िया की ओर जा रही थी, जबकि पिकअप वाहन पश्चिम बंगाल से अमरूद लोड कर पटना की ओर जा रहा था। तेज रफ्तार के कारण दोनों वाहन टकरा गए, जिससे बस में बैठे यात्री घायल हो गए।
हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल ले जाने में मदद की। वहीं, बिंद थाना के थाना अध्यक्ष चंदन कुमार सिंह पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। इसके अलावा, एएसआई संतोष कुमार ने भी यातायात को सुचारु रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
घायलों की स्थिति और उपचार
इस हादसे में घायल हुए 9 यात्रियों में से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए बिहारशरीफ के अस्पताल में रेफर किया गया है। घायलों की पहचान कर ली गई है, जिनमें खगड़िया जिले के बेलदौर थाना क्षेत्र के अब्दुल मजीद, झारखंड हजारीबाग के प्रदीप कुमार उपाध्याय, बेगूसराय जिले के शाहपुर निवासी राजेश कुमार, मधेपुरा के संटू मंडल और पप्पू कुमार, पौरौत निवासी रुपेश और संतोष कुमार, सुपौल जिले के मोहम्मद इलियास और मोहम्मद जावेद शामिल हैं। इनमें से मोहम्मद इलियास और प्रदीप उपाध्याय को ज्यादा गंभीर चोटें आई हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह चौक दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात हो चुका है। अक्सर यहां सड़क हादसे होते रहते हैं, जिससे लोग घायल होते हैं और कई बार मौत भी हो चुकी है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस चौक पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।
सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी उपाय
इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। स्थानीय लोगों का सुझाव है कि इस चौक पर स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं, ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू किया जाए और वाहन चालकों को जागरूक किया जाए। इसके अलावा, यहां नियमित रूप से पुलिस की निगरानी भी होनी चाहिए ताकि तेज रफ्तार से वाहन न चलाए जाएं। नालंदा जिले में हुई इस दुर्घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा की गंभीरता को उजागर कर दिया है। तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण हर साल सैकड़ों लोग दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। प्रशासन और जनता को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके।

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