झारखंड में 2.9 लाख महिलाओं को नहीं मिलेगा मंईयां सम्मान योजना का लाभ, सत्यापन में नहीं मिले सही कागजात

रांची। झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सहायता देना है, लेकिन हाल ही में इस योजना के लाभुकों के डाटा सत्यापन के दौरान कई अनियमितताएं सामने आई हैं। राज्य में करीब 2,97,301 महिलाओं का डाटा सत्यापन में फेल हो गया है, जिस कारण इन महिलाओं को जनवरी से मार्च 2025 तक की योजना की राशि नहीं दी जा रही है।
डाटा सत्यापन में सामने आई खामियां
राज्य सरकार ने जनवरी से मार्च 2025 की अवधि में लगभग 53,64,490 लाभुकों को योजना की राशि उपलब्ध कराई थी, लेकिन डाटा सत्यापन के दौरान यह पाया गया कि बड़ी संख्या में लाभुकों द्वारा जमा किए गए दस्तावेज रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहे थे। इनमें कुछ दस्तावेज अधूरे हैं, तो कुछ मामलों में दी गई जानकारी गलत पाई गई। इस वजह से इन लाभुकों की राशि फिलहाल रोक दी गई है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की प्रक्रिया
जिन महिलाओं के कागजात में त्रुटियां पाई गई हैं, उन्हें एक और मौका दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपने संबंधित प्रखंड कार्यालयों में और शहरी क्षेत्र की महिलाएं अंचल कार्यालयों में जाकर आवश्यक दस्तावेज दोबारा जमा करा रही हैं। कागजातों के पुनः सत्यापन के बाद ही उन्हें योजना की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
सबसे अधिक प्रभावित जिले
झारखंड के दस जिले ऐसे हैं, जहां दो लाख से अधिक लाभुकों का डाटा सत्यापन में फेल हो गया है। इसके अलावा दो जिलों में 30 हजार से अधिक और तीन जिलों में 20 हजार से अधिक लाभुकों का डाटा सत्यापन में गड़बड़ पाया गया है। पांच ऐसे जिले भी हैं, जहां 15 हजार से अधिक महिलाओं के दस्तावेज अमान्य पाए गए।
धनबाद और पाकुड़ सबसे अधिक प्रभावित
धनबाद जिले में सबसे अधिक लाभुकों के दस्तावेज असत्य पाए गए हैं। दिसंबर 2024 में धनबाद में जितने लाभुकों को योजना की राशि दी गई थी, जनवरी से मार्च के बीच उस संख्या में 38,777 की गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह पाकुड़ जिले में 32,408 लाभुकों के दस्तावेज सत्यापन में फेल हो गए हैं।
बैंक खाता और आधार की अनिवार्यता
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि अब आगे से उन्हीं लाभुकों को योजना की राशि दी जाएगी जिनका बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक है। सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे बैंक के साथ समन्वय स्थापित कर इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करें, ताकि योग्य लाभुकों को समय पर लाभ मिल सके। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ केवल सही और पात्र महिलाओं को ही मिले, ताकि सरकारी संसाधनों का सही उपयोग हो सके।

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