जानिए 1984 सिख विरोधी दंगा के बारे में: आरोपी कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद

नयी दिल्ली। सोमवार को 1984 सिख विरोधी दंगे में दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए अपना फैसला सुना दिया है. जिससे राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मिली विधानसभा चुनाव में जीत के बाद आज ताजपोशी का कार्यक्रम फिका होता दिख रहा है. बता दें उक्त राज्यों में होने वालेेे ताजपोशी कार्यक्रम के पूर्व दिल्ली हाईकोर्ट ने सिख विरोधी दंगों के आरोपी कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी है. कोर्ट ने उन्हें लोगों को उकसाने और भड़काने का दोषी पाया है. उनपर आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगा है. कोर्ट ने उन्हें 31 दिसंबर तक आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है. अकाली दल के मजिंदर सिंह सिरसा ने सज्जन कुमार को सजा सुनाये पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम कोर्ट का धन्यवाद अदा करते हैं कि उन्होंने न्याय किया. हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर को मौत की सजा ना सुना दी जाये. उधर सज्जन कुमार को दोषी ठहराये जाने से कांग्रेस का तीन राज्यों में शपथ ग्रहण का जश्न फीका पड़ गया है, क्योंकि मामले में कमलनाथ का नाम भी उछला है और वे आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ लेने जा रहे हैं. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के तुरंत बाद देश भर में हुए सिख विरोधी दंगों में पहला फैसला आ गया है. कांग्रेस के बड़े नेता रहे सज्जन कुमार को करीब 34 साल बाद दिल्ली हाइकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनायी. हाइकोर्ट की डबल बेंच ने 30 अप्रैल, 2013 के ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलटते हुए सज्जन कुमार को दंगे के लिए दोषी माना. सज्जन कुमार को आपराधिक षड्यंत्र रचने, हिंसा कराने और दंगा भड़काने का दोषी पाया गया है.

दंगे में 3,000 से ज्यादा लोगों की गयी थी जान: देश के सबसे बड़े दंगों में दोषी पाये गये सज्जन कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा. इस दंगे में 3,000 से ज्यादा लोगों की जान गयी थी. यह मामला दिल्ली के राजनगर में 5 सिखों की हत्या से जुड़ा है. इसमें नवंबर, 1984 को दिल्ली छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक ही परिवार के पांच सदस्यों (केहर सिंह, गुरप्रीत सिंह, रघुविंदर सिंह, नरेंद्र पाल सिंह और कुलदीप सिंह) को मार डाला गया था. इस मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार आरोपी थे.

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