पालीगंज : विधायक को झेलना पड़ा ग्रामीण मतदाताओं का आक्रोश, निर्दलीय प्रत्याशी ने किया वोट बहिष्कार का समर्थन

पालीगंज। सुशासन को सरकार में भी डीह पालीगंज से निरखपुर, गौसगंज होते किंजर के पास अरवल-जहानाबाद मुख्य सड़क तक ब्रिटिशकालीन सड़क की निजी जमीन होते हुए भी निर्माण नहीं कराई गयी। जिसकी मांग को लेकर निरखपुर, सिद्धिपुर, महेशपुर गांव के मतदाताओं ने 21 दिनों पूर्व बैठक कर वोट बहिष्कार करने के लिए गए निर्णय पर आज भी अड़े रहे। सूचना पाकर रविवार को निरखपुर शिव मंदिर परिसर में ग्रामीण मतदाताओं द्वारा आयोजित बैठक में पहुंचे विधायक को ग्रामीणों का आक्रोश झेलना पड़ा। वहीं बाद में बैठक में पहुंचे निर्दलीय प्रत्याशी ने सड़क निर्माण की मांग को लेकर वोट बहिष्कार के निर्णय को उचित बताते हुए समर्थन किया।
रविवार को पालीगंज अनुमंडल सह प्रखंड क्षेत्र के निरखपुर गांव स्थित शिव मंदिर परिसर में सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीण मतदाताओं की ओर से बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अपने पक्ष में वोट मांगने को लेकर पालीगंज के वर्तमान विधायक जयवर्द्धन यादव उर्फ बच्चा बाबू पहुंचे। जहां उनको ग्रामीण मतदाताओं का आक्रोश का सामना करना पड़ा। ग्रामीण मतदाताओं ने विधायक से स्पष्ट शब्दों में कहा कि रोड नहीं तो वोट नहीं। पहले रोड तब वोट। वहीं बाद में बैठक में पहुंचे पालीगंज विधानसभा के निर्दलीय उम्मीदवार सुनील यादव ने सड़क निर्माण की मांग को लेकर किये गए मतदान के बहिष्कार को उचित बताते हुए समर्थन किया।


ज्ञात हो कि 21 दिनों पूर्व पालीगंज अनुमंडल सह प्रखंड क्षेत्र के सिद्धिपुर, निरखपुर, निरखपुर बिगहा व महेशपुर गांव के हजारों ग्रामीण मतदाताओं ने निरखपुर गांव स्थित शिवमंदिर परिसर में बैठक का आयोजन किया था। जिसमें ग्रामीण मतदाताओं ने डीह पालीगंज से निरखपुर गौसगंज होते हुए किंजर के पास अरवल-जहानाबाद मुख्य सड़क तक सड़क निर्माण की मांग को लेकर वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया था। उस समय उन लोगो ने “रोड नहीं तो वोट नहीं” का नारा लगाते हुए प्रदर्शन किया था, लेकिन इसकी सुधि लेने आज तक कोई भी पदाधिकारी या जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचे। जिससे आक्रोशित ग्रामीण मतदाताओं ने 15 दिनों पूर्व रविवार को पैदल मार्च निकाल आंदोलन को तेज कर दिया। वही उपेक्षित ग्रामीणों ने रविवार को बैठक कर निर्णय लिया कि हमसभी को सरकार पर से भरोसा उठ चुका है। इस सरकार में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। जब लोकतंत्र में जनता की आवाज नहीं सुनी जा रही है। यह काफी शर्मनाक है।
मौके पर ग्रामीण अनुराग शर्मा, श्याम बहादुर यादव, ओम प्रकाश ने बताया कि यह सड़क आजादी के पूर्व से है। जिसकी अपनी जमीन होने के बावजूद भी आज तक इस सड़क का निर्माण नहीं कराया गया। बिहार विकास की बहती बयार में भी यहां के पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से शिकायत के बाद भी इस सड़क का निर्माण नहीं कराया गया। यहां तक कि सड़क निर्माण कराने की मांग को लेकर पिछले 21 दिनों से हजारों ग्रामीणों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। लेकिन जन प्रतिनिधियों या पदाधिकारियों की नींद तक नहीं टूटी। जबकि इस सड़क से निरखपुर, सिद्धिपूर, महेशपुर, रघुनाथपुर, मेरा, महुआरी, गौसगंज, बसंत बिगहा, दहिया, कौरी, काढ़ेकुड़ा, हेलहा, बाला बिगहा व रूपापुर सहित कई अन्य गांवों के 25 से 30 हजार ग्रामीण जनता लाभान्वित होंगे। लेकिन आज पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार यह सड़क अपनी हालात पर आंसू बहा रही है।

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