फुलवारी से लोजपा उम्मीदवार सुरेश पासवान ने साजिश के तहत नामांकन रद्द करने का लगाया आरोप

अब जाएंगे कोर्ट, निर्वाचन आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग, समर्थकों में मायूसी और आक्रोश


फुलवारी शरीफ। पटना के फुलवारी सुरक्षित विधानसभा चुनाव क्षेत्र 188 से लोजपा उम्मीदवार सुरेश पासवान ने अपने नामांकन रद्द हो जाने के बाद बड़ा आरोप लगाया है। लोजपा उम्मीदवार सुरेश पासवान ने कहा है कि सत्ता के इशारे पर जानबूझकर साजिश के तहत अधिकारियों ने उनका नामांकन रद्द कर दिया है क्योंकि वे क्षेत्रीय होने के नाते जीत के सबसे प्रबल दावेदार थे और फुलवारी में जिला परिषद एवं प्रखंड प्रमुख भी रह चुके थे। उनका कहना है कि अब लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को इस पूरे साजिश से अवगत कराएंगे और अधिवक्ताओं से राय मशविरा कर न्याय के लिये कोर्ट जाएंगे।
सुरेश पासवान ने कहा कि आम जनता में निराशा छा गई है। वे हर हाल में यह जानना चाहते हैं कि उनके सबसे चहेते उम्मीदवार का किस परिस्थिति में नामांकन रद्द किया गया। उनके साथ हुए घटना से आम जनता में काफी रोष व्याप्त है। हर क्षण दर्जनों लोगों के द्वारा संपर्क कर अपने तरीके से विरोध जता रहे हैं। इस तरह विपक्षी दलों के प्रत्याशियों का नामांकन रद्द होना सरकार की तानाशाह मंशा को जाहिर करता है। सुरेश पासवान के साथ मौजूद सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने परिस्थिति का स्पष्टीकरण मांग करते हुए इसे चुनावी धांधली करार दिया तथा निर्वाची पदाधिकारी पर लापरवाही बरतने का आरोप लगते हुए कार्रवाई की मांग की है।


लोजपा प्रत्याशी ने कहा कि वे नामांकन पत्र दो या तीन सेटों में जमा कराना चाह रहे थे लेकिन काउंटर पर मौजूद लोगों ने उन्हें कहा कि आपका सब कागजात ठीक है तो दूसरा सेट जमा करने की क्या जरूरत है। सुरेश पासवान ने बताया कि निर्वाची पदाधिकारी कपिलेश्वर मंडल ने जो डॉक्यूमेंट देर से प्रस्तुत करने एवं एक फार्म ए का कॉलम नहीं भरा होने का हवाला देकर नामांकन रद्द किया है, उसकी जांच के लिए वहां परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज से जांच किया जा सकता है। इनका कहना है कि निर्वाचन आयोग का निर्देश है कि कोई त्रुटि या कहीं कुछ छूट गया हो तो प्रत्याशी की मौजूदगी में उसे अधिकारियों को भरवा देना/पूर्ण करा देना है, न कि नामांकन रद्द कर देना है। श्री पासवान ने बताया कि ब्लॉक में नामांकन स्थल पर आखिरी दिन पौने एक बजे दाखिल हुए और कागजात जमा कराए, जिसमें काफी देर करके उन्हें दो बजकर पचास मिंनट पर निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष बुलाया गया। इतना ही नहीं, उसी समय उन्हें एक नोट्स दिया गया कि नामांकन के आखिरी दिन के 11 बजे तक एफिडेविट का एक कागज जमा कराना था। सुरेश पासवान ने बताया कि चुनाव आयोग के नियमावली के अनुसार निर्वाची पदाधिकारी कार्यालय फुलवारी में 16 अक्टूबर को 3 बजे अपराह्न तक नामांकन पत्र जमा करना था जबकि मैंने 2:50 अपराह्न में ही नामांकन पत्र जमा कर चुके। फिर किस आधार पर मुझे एक नोटिस दिया गया, जिसमें 16 अक्टूबर को 11 बजे पूर्वाहन में ही नोटिस का जवाब देने को कहा गया है।
इधर, फुलवारी शरीफ विधानसभा चुनाव क्षेत्र से जानीपुर के क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सुरेश पासवान का नामांकन स्क्रुटनी के बावजूद भी रद्द करने के बाद उनके समर्थकों में मायूसी और आक्रोश का माहौल है। लोजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि पूरे सूबे में सत्ता दल के एक भी प्रत्याशी का नामांकन रद्द नहीं हुआ है, लेकिन सुरेश पासवान का साजिश के तहत नामांकन रद्द किया गया है, जो जीत के प्रबल दावेदार थे। इस पूरे मामले में निर्वाची पदाधिकारी के हवाले से कहा गया है कि जिन उम्मीदवारों का नामांकन रद्द किया गया है और जो त्रुटि पायी गयी है, वह निर्वाचन आयोग के नियमावली के अनुसार ही किया गया है।

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