बिहार बंद पर विभिन्न दलों के नेताओं की राय

मुकेश सहनी ने कहा- सरकार के हर जनविरोधी फैसले का मजबूती से विरोध करेगी विपक्ष
पटना। नागरिकता संशोधन कानून 2019 सीएए और एनआरसी को लेकर आयोजित बिहार बंद के दौरान आज सुबह विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी को पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वे सुबह-सुबह अपने कार्यकर्ताओं के साथ राजेन्द्र नगर स्टेशन पहुंचे और ट्रेनों का परिचालन बाधित कर दिया। इस दौरान उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नागरिकता संशोधन कानून 2019 को काला कानून बता कर केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस मौके पर सहनी ने कहा कि देश को ऐसे कानून को कोई जरूरत नहीं है। यह कानून संविधान विरोधी है और मजबूत विपक्ष के नेता हम इसका विरोध कर रहे हैं और आगे भी सरकार की हर जनविरोधी नीतियों के खिलाफ मजबूती से विरोध करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ यह बंद जनता और हमारी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के लिए है। देश में जिस तरह से सीएए और एनआरसी लागू किया गया, वह सही नहीं है। सहनी ने आगे कहा कि आज देश में रोजगार, गिरती जीडीपी, क्राइम कंट्रोल, किसान का सुसाइड आदि प्रमुख मुद्दे हैं, जिस पर केंद्र और राज्य सरकार को कोई मतलब नहीं रह गया है। हम 21दिसंबर के बंद को भी पूरी मजबूती के साथ सफल बनायेंगे।

बिहार बंद में शामिल हुई जविपा, बताया काले अंग्रेजों का कानून
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर आयोजित बिहार बंद में प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मंडल के नेतृत्व में जनतांत्रिक विकास पार्टी भी शामिल हुई। इस दौरान जविपा ने केंद्र सरकार के खिलाफ पटना के डाकबंगला चौराहे पर जमकर नारेबाजे की और सीएए व एनआरसी को काले अंग्रेजों का कानून बताया। इस दौरान जविपा नेताओं ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून राष्ट्र की नींव को खोखला करने वाला कानून है। यह ना सिर्फ संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचारों के विरुद्ध है बल्कि संविधान के आत्मा के खिलाफ भी है। इस देश विरोधी कानून का विरोध करना हर देशवासियों का पुनीत कर्तव्य है। नागरिकता संशोधन कानून धर्मनिरपेक्षता धर्मनिरपेक्षता विरोधी है और दबे कुचले, शोषित, वंचित, दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ों की आवाज को दबाने के लिए काले अंग्रेजों द्वारा बनाया गया कानून है। उन्होंने कहा कि अहंकारी मोदी सरकार इस काले कानून के खिलाफ पूरे देश में हो रहे छात्र आंदोलन को कुचलने के लिए बर्बर तरीका अख्तियार कर रही है। बंद में बिंदेश्वरी सिंह, राजा यादव, अमरजीत कुमार, आंनद कुमार समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।

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