बिहार चुनाव : मोकामा का कौन होगा ‘किंग’, क्या बाढ़ में चौका लगा पाएंगे ज्ञानू, मुकाबला दिलचस्प

पटना। बिहार विधानसभा के प्रथम चरण चुनाव में 71 सीटों पर 28 अक्टूबर को चुनाव होने जा रहे हैं। इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप से लेकर सघन जनसंपर्क अभियान परवान पर है। इन 71 सीटों में पटना जिले की पांच सीटें भी शामिल हैं, जिसमें मोकामा और बाढ़ विधानसभा भी है। मोकामा से जहां राजद के टिकट पर जेल में बंद निवर्तमान विधायक अनंत सिंह पांचवीं बार बाजी अपने नाम करने की फिराक में हैं तो वहीं बाढ़ से हैट्रिक लगा चुके भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ज्ञानू चौका लगाने के लिए चुनावी पिच पर कमर कसकर उतरे हैं।
चौका लगाने के लिए चुनावी पिच पर उतरे ज्ञानू
बाढ़ विधानसभा सीट से इस बार 16 पुरूष और दो महिला समेत 18 उम्मीदवार चुनावी दंगल में किस्मत आजमा रहे हैं। भाजपा के निवर्तमान विधायक ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ज्ञानू ‘चौका’ मारने की तैयारी में जुटे हैं। यहां उनका मुकाबला सत्येन्द्र बहादुर से माना जा रहा है। कांग्रेस ने सत्येन्द्र बहादुर को महागठबंधन का उम्मीदवार बनाया है, जो पहली बार चुनावी समर में कूदे हैं। बताते चलें कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू अक्टूबर 2005 और वर्ष 2010 के चुनाव में जदयू के टिकट पर जीत हासिल की थी। 2015 के चुनाव में जदयू भाजपा से अलग हो चुकी थी और राजद-कांग्रेस के साथ मिलकर जदयू ने महागठबंधन बनाया था। उसके बाद श्री ज्ञानू ने भी जदयू से नाता तोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। उक्त महागठबंधन के तहत जदयू ने यहां से बाढ़ के बेलछी प्रखंड के स्थानीय नेता मनोज कुमार को उम्मीदवार बनाया था। जहां मनोज को ‘ज्ञानू’ ने 8359 मतों के अंतर से मात दी थी।
मोकामा का  ‘किंग’ कौन ?
कई आपराधिक मामलों में जेल में बंद ‘छोटे सरकार’ के नाम से चर्चित अनंत सिंह मूल रूप से बाढ़ के लदमा गांव के निवासी हैं, लेकिन वे मोकामा से ही चुनाव लड़ते आए हैं और जीत दर्ज की है। फरवरी 2005 में मोकामा विधानसभा सीट से जदयू के टिकट पर वे पहली बार चुनाव जीत कर आए थे। इसके बाद विधानसभा भंग होने पर अक्टूबर-नवंबर 2005 में हुए चुनाव में वह दूसरी बार भी जीत हासिल किए। उसके बाद वर्ष 2010 के चुनाव में अनंत मोकामा से ही जदयू के टिकट पर लगातार हैट्रिक जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2015 में भी एक मामले में जेल में बंद रहकर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मोकामा सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने जदयू के नीरज कुमार को 18348 मतों के अंतर से पटखनी दिया था। वहीं अनंत को टक्कर देने के लिए इस बार जदयू ने मोकामा से साफ-सुधरे छवि के राजीव लोचन नारायण सिंह पर दांव लगाया है, जो पहली बार सियासी कर्मभूमि में अपनी किस्मत आजमां रहे हैं। मोकामा सीट पर कुल 8 प्रत्याशी मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला अनंत सिंह और जदयू के राजीव लोचन सिंह के बीच ही माना जा रहा है।
बता दें मोकामा विधानसभा में धन और बल का बोलबाला रहा है। यही वजह है कि यहां पिछले तीन दशक से बाहुबली ही विधायक चुने जाते रहे हैं। वर्ष 1990 में अनंत सिंह के भाई दिलीप कुमार सिंह जनता दल के टिकट पर चुने गए थे। वर्ष 1995 में भी उन्होंने दुबारा बाजी मारी लेकिन वर्ष 2000 में मोकामा के बाहुबली नेता सूरजभान सिंह यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर विजयी हुए और विधानसभा पहुंचे।

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