पटना डीएम ने 102 एंबुलेंस के चालकों को चेताया, आपदा में नहीं चलेगी मनमानी

पटना। दो दिन पूर्व पटना जिला के पालीगंज में कोरोना के दो संदिग्ध मरीज पाए गए थे। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर उन्हें लाया गया था, वहां से उन्हें एनएमसीएच ले जाना था एंबुलेंस भी तैयार था, लेकिन चालक ने यह कह कर गाड़ी ले जाने से इंकार कर दिया कि वह बीमारी से संक्रमित हो सकता है, लिहाजा मरीजों को 2 घंटे तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर इंतजार करना पड़ा। अंतत: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात लेखापाल ने एंबुलेंस लेकर एनएमसीएच आया। अब जिला प्रशासन ने उस मामले की रिपार्ट मांगी। सिविल सर्जन ने इसकी रिपोर्ट डीएम कुमार रवि को दी। डीएम ने इस विषय पर तत्काल अधिकारियों की बैठक बुलाई तथा 102 एंबुलेंस सेवा को संचालित करने वाली एजेंसी के अधिकारियों से बात की।
डीएम ने उन्हें चेतावनी दी कि यदि आपदा की घड़ी में वे इस प्रकार की मनमानी करेंगे तो मजबूरन ऐसे करने वालों पर एफआईआर दर्ज किया जाएगा। साथ ही कड़ी कार्रवाई होगी। प्रशासन की ओर से सभी एंबुलेंस चालकों को निर्देश दिया गया है कि वे पीपी किट के साथ एंबुलेंस को संचालित करें। पीपी किट ऐसा कीट है, जिसे पहनने के बाद संक्रमण का खतरा नहीं रहता है। यह कीट सभी एंबुलेंस चालकों को उपलब्ध करा दी गई है। डीएम ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी हो एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मरीजों को ग्रामीण क्षेत्रों या ग्रामीण अस्पतालों से लाने में परेशानी हो रही है तो इसकी सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को दें, ताकि ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सके। साथ ही सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि वह अपने स्तर से एंबुलेंस सेवा को निगरानी करें। यदि कोई लापरवाही या मनमानी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा करें।

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