खास कार्यों के लिए छूट देकर बिहार को खतरे में डाल रही बिहार सरकार?

पटना (संतोष कुमार)। देशव्यापी लॉक डाउन का आज 26 वां दिन है, जबकि लॉक डाउन 2 का पांचवा दिन। बिहार सरकार ने घोषणा किया है कि केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुसार कुछ जरूरी कामों में 20 अप्रैल से छूट दी जाएगी, जबकि सोमवार से सरकारी कार्यालयों में पहले की तरह काम होने लगेंगे, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब दुकानें, होटल, ढाबा आदि बंद रहेंगे तो इस तालाबंदी में लोग क्या किसी दूसरे व्यक्ति को घर बुलाने का खतरा मोल लेंगे, इसकी क्या गारंटी है?
बिहार के अधिकांश जिले कोरोना से संक्रमित हैं। पटना, नालंदा, बेगूसराय, मुंगेर और बक्सर आदि ऐसे जिले हैं जो रेड जोन में है। ऐसे में किसी खास कार्यों को छूट देना कहीं से उचित नहीं है, ना ही उनका व्यवसाय पटरी पर आने वाला है। ऐसे में अगर छूट देना है तो सभी को दें ताकि अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सके वरना सरकार का यह कदम बिहारवासियों के लिए खतरे की घंटी ना बन जाए।
बीते माह जब बिहार में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ना शुरू हुआ था, वैसे ही लोगों ने अपने ड्राइवर, नौकर आदि से दूरी बना ली थी। अभी जब हालात काबू में नहीं हैं वैसी स्थिति में किसी खास कार्य के लिए छूट देना सरकार के लिए खतरे से खाली नहीं दिख रहा है और लोग भी नहीं चाहेंगे कि कोई बाहरी व्यक्ति उनके घरों में प्रवेश करें, क्योंकि जिस पलंबर, इलेक्ट्रीशियन आदि को वे बुलाने जा रहे हैं इसकी क्या गारंटी है कि वह व्यक्ति कोरोना संक्रमित के संपर्क में नहीं आया है। बता दें कुछ दिन पूर्व मीडिया रिपोर्ट में यह खबर आई थी कि दिल्ली में एक डिलीवरी ब्वॉय ने दर्जनों लोगों को संक्रमित करने का काम किया। बहरहाल जो स्थिति बिहार में कोरोना संक्रमण को लेकर दिख रही है वैसी स्थिति में सरकार द्वारा खास कार्यों के लिए छूट दिया जाना कहीं से भी उचित नहीं समझा जाएगा।
बताते चलें बक्सर में दो कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद बिहार में आंकड़ा अब 89 पहुंच गया है। रविवार को कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जो तीसरी लिस्ट आई है, उसमें 30 साल का एक पुरुष और एक महिला 28 साल की है। पटना के राजा बाजार स्थित खाजपुरा इलाके में कोरोना पॉजिटिव महिला मरीज के मिलने के बाद पूरे इलाके को प्रशासन ने सील कर दिया है और उसे रेड जोन घोषित कर दिया गया है।

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