अहम फैसला : दो साल के लिए सांसद निधि स्थगित; राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व राज्यपाल भी कम लेंगे सैलरी

नई दिल्ली। सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में अहम फैसला लिया गया। इसके तहत सांसद निधि को दो साल के लिए टाल दिया गया है। वहीं राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल समेत तमाम सांसदों ने भी अपने वेतन का 30 फीसद योगदान देने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद अधिनियम, 1954 के सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दे दी। 1 अप्रैल, 2020 से एक साल के लिए भत्ते और पेंशन को 30 फीसद तक कम किया जाएगा। यह फैसला विश्व भर में फैले कोरोना महामारी के संकट को देखते हुए लिया गया।
कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने भारत में महामारी के प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए 2020-21 और 2021-22 के लिए सांसदों को मिलने वाले एमपी लैड फंड को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है। 2 साल के लिए एमपी लैड फंड के 7900 करोड़ रुपये का उपयोग भारत की संचित निधि में किया जाएगा।’ दो साल के लिए सांसद निधि स्थगित कर दी गई है। राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति-राज्यपाल भी 30 फीसद कम सैलरी लेंगे। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपालों ने स्वेच्छा से सामाजिक जिÞम्मेदारी के रूप में वेतन कटौती का फैसला किया है। यह धनराशि भारत के समेकित कोष में जाएगा।’ कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराया गया।

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