BIHAR : अब तक बाढ़ से 8 लोगों की मृत्यु, कोसी का जलस्राव अभी 1 लाख 76 हजार 525 क्यूसेक

पटना। वीडियो कॉंन्फ्रेसिंग के माध्यम से मीडिया के साथ संवाद के दौरान आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू एवं जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने बिहार के विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी दी।
जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी ने बताया कि कोसी का जलस्राव अभी 1 लाख 76 हजार 525 क्यूसेक है और राइजिंग ट्रेंड में है। गंडक नदी में 2 लाख 18 हजार क्यूसेक का डिस्चार्ज है और इसके जलस्तर में वृद्धि की प्रवृति है। पूर्वानुमान में नेपाल और बिहार प्रभाग में गंडक, बागमती एवं महानंदा नदी में भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की गयी है, जिसके कारण जलस्तर में वृद्धि होने की संभावना है। ढेंग में बागमती नदी की अभी फॉलिंग प्रवृति है। हायाघाट में बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है और यह खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बूढी गंडक के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके अलावा शेष नदियों का जलस्तर स्थायी (स्टैटिक) है या फॉलिंग टेंडेंसी में है, कही कोई कठिनाई नहीं है। पूर्वानुमान में 28-29 और 29-30 को नेपाल की तरफ तथा बिहार के सीमावर्ती इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
1,67,005 लोग किए गए निष्क्रमित
वहीं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 11 जिले के कुल 93 प्रखंडों की 765 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहां आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। सुपौल में 03, पूर्वी चंपारण में 14, गोपालगंज में 09 और खगड़िया में 03 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 29 राहत शिविरों में कुल 12,858 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि 703 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 3,28,357 लोग भोजन कर रहे हैं। वहीं 1,67,005 लोगों को निष्क्रमित किया गया गया। इस वर्ष अब तक बाढ़ से 8 लोगों की मृत्यु हुई है जिनमें दरभंगा के 04 और पश्चिमी चम्पारण के 04 लोग शामिल हैं। 25 जुलाई से प्रभावित लोगों के लिये हेलीकॉप्टर के माध्यम से फूड पैकेट्स गिराये जा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित जरूरतमंद लोगों को पॉलिथिन सीट्स भी उपलब्ध कराया गया है।

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