JDU अब भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर कायम, BJP के साथ मिलकर लड़ेंगे यूपी चुनाव : RCP

- केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह जदयू कार्यकर्ताओं से मिल दुख दर्द को जाना
पटना (संतोष कुमार)। केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह शनिवार को सुबह दस बजे से अपने पटना आवास पर जदयू कार्यकर्ताओं से मिले। इस दौरान उन्हें कार्यकर्ताओं के दुख दर्द को जाना और कहा कि कार्यकर्ता ही हमारे उर्जा के श्रोत हैं, उनसे हम ऊर्जान्वित होते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में तमाम लोग कार्यकर्ता हैं, नेता तो केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। उनके समाज सुधार अभियान से बिहार की जनता को फायदा है।
उन्होंने विशेष राज्य के दर्जे के सवाल पर कहा कि विशेष राज्य के दर्जे के लिए जदयू ने 2009 से लेकर 2013 तक लगातार आंदोलन किया। पटना के गांधी मैदान से लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान तक बड़ी-बड़ी रैलियां की। आज भी जदयू अपनी मांग पर कायम है। किसी भी दूसरे स्टेट को यह दर्जा मिलेगा तो बिहार पीछे नहीं रहेगा। उन्होेंने कहा कि मगर अब हालात बदले हैं तब की परिस्थितियां व अब में अंतर है। अब बिहार को जीएएसटी कानून की वजह से दर्जा मिलने के बाद भी नये उद्योग लगाने पर कॉर्पोरेट टैक्स में रियायत नहीं मिलेगी। क्योंकि जीएएसटी के बाद देश भर में एक ही तरह का 15 प्रतिशत कॉर्पोरेट टैक्स लगता है। मगर बिहार में एनडीए की सरकार बनने से उद्योग के क्षेत्र में संभावनाएं बढ़ी है।
आरसीपी सिंह ने कहा कि जदयू उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ेगी। इसको लेकर भाजपा के शीर्ष नेताओं से बात हुई है। अभी जदयू की ओर से कितने सीटों पर लड़ना है, यह तय नहीं हुआ है। जहां भी हमारे उम्मीदवार जीतने लायक होंगे, उन्हें एनडीए का उम्मीदवार बनाया जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान में उत्तर बिहार के 22 जिले बाढ़ से प्रभावित होते हैं। बाढ़ के कारण सड़कें, पुलिया व बड़े पैमाने पर फसल व जानमाल का नुकसान होता है। इसके निदान के लिए केन्द्र सरकार व राज्य सरकार को मिलकर निदान निकालने के लिए चर्चा करना चाहिए।
इस मौके पर उनके साथ अनिल कुमार, कन्हैया सिंह, पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय, विधायक पन्नालाल सिंह पटेल, विजय सिंह निषाद, अजय चौधरी, श्याम पटेल, श्वेता विश्वास, डॉ. ललिता, अजुंम आरा, उर्मिला पटेल, मोहित प्रकाश, अमर कुमार सिन्हा, शोभा देवी, किरण रंजन, पूनम झा, जया सिन्हा, राजेश्वर चौहान, संतोष महतो, सनील कुमार, संस्कृत बोर्ड की अध्यक्ष भारती मेहता, संजू कुमारी, डॉ. प्रमिला कुमारी, डॉ. प्रतिमा कुमारी रजक, जयंती पटेल, सुनीता बिंद, रौशन मंडल, ओमप्रकाश सेतु सहित सैकड़ों नेता मौजूद रहे।
