पटना में खेमका हत्याकांड के बाद एक्शन में मुख्यमंत्री, डीजीपी समेत अधिकारियों की बुलाई हाईलेवल मीटिंग

- सीएम का निर्देश, अपराध नियंत्रण पर कोई कोताही न बरते, अपराधियों को जल्द से जल्द करें गिरफ्तार
पटना। राजधानी पटना के बीचों-बीच एक व्यवसायी की हत्या ने बिहार की कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। शुक्रवार रात पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र में व्यवसायी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद राजनीतिक हलकों के साथ-साथ प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है। हत्या की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने त्वरित एक्शन लिया और शनिवार को राज्य के डीजीपी समेत अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की।
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश
बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा कि अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि जो भी पदाधिकारी या पुलिसकर्मी लापरवाही बरतेगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने डीजीपी से खेमका हत्याकांड की विस्तृत जानकारी ली और इस मामले की गहराई से जांच करने का आदेश दिया।
अपराध के कारणों की हो गहराई से जांच
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि अपराध के कारणों की तह तक जाया जाए और अगर इस हत्या के पीछे कोई साजिश है तो उसकी भी गहन जांच की जाए। उन्होंने कहा कि अपराधियों की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ बिना किसी भेदभाव के सख्त कार्रवाई की जाए। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि अनुसंधान कार्य में तेजी लाई जाए ताकि दोषियों को ससमय सजा दिलाई जा सके।
पुलिस पर सवाल, थाने से 500 मीटर दूर मर्डर
गोपाल खेमका की हत्या पटना के सबसे व्यस्त क्षेत्रों में से एक, गांधी मैदान के पास हुई। खास बात यह है कि यह इलाका गांधी मैदान थाना से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे पुलिस की गश्ती और सतर्कता पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। हत्या का समय रात 11 बजकर 38 मिनट का बताया गया है, जब अपराधी बाइक पर आए और खेमका के सिर पर गोली मारकर फरार हो गए। पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसे पुलिस खंगाल रही है।
पहले भी हो चुकी है खेमका परिवार पर वारदात
यह पहली बार नहीं है जब खेमका परिवार को निशाना बनाया गया हो। करीब छह साल पहले गोपाल खेमका के बेटे की भी हत्या कर दी गई थी। इसके बावजूद प्रशासन ने परिवार को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराई थी, इस बात को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर हो चुका है।
विपक्ष का सरकार पर हमला तेज
इस हत्या को लेकर तेजस्वी यादव समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि राजधानी में अपराधी बेखौफ हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। राजद के नेताओं ने इसे जंगलराज करार दिया है और सरकार की विफलता बताया है।
एसआईटी का गठन और छापेमारी तेज
मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया है। पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपराधियों की पहचान की जा रही है। राजधानी के कई इलाकों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
कानून व्यवस्था पर फिर उठा सवाल
गोपाल खेमका की हत्या ने एक बार फिर बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार की ओर से कार्रवाई की पहल जरूर हुई है, लेकिन जनता और विपक्ष को भरोसा दिलाना अब सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। अगर अपराधियों को समय पर पकड़ कर सख्त सजा नहीं दी गई, तो यह मामला आने वाले चुनावों में राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। प्रशासन के लिए यह वक्त सतर्कता और सक्रियता दिखाने का है, क्योंकि जनता अब जवाब मांग रही है।
