PATNA : कोई है! विकास की राह जोह रहा ब्रिटिशकालीन दामोदर उच्च विद्यालय रघुनाथपुर

  • शिक्षकों की घोर कमी के कारण 565 छात्रों का भविष्य अंधकार में

पालीगंज। एक ओर राज्य सरकार साक्षरता दर बढ़ाने को लेकर तरह-तरह के नए-नए शिक्षण केंद्र स्थापित कर रही है। सैकड़ों मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में परिवर्तित कर दी गयी पर प्राचीन तथा प्रसिद्ध उच्च विद्यालय दामोदर उच्च विद्यालय रघुनाथपुर की हालात नहीं सुधरी।
विद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर हजारों पदाधिकारी बने
पटना के पालीगंज के दक्षिणी इलाके में अनुमंडल मुख्यालय से मात्र आठ किलोमीटर दूरी पर रघुनाथपुर के टोला महेशपुर गांव में दामोदर उच्च विद्यालय रघुनाथपुर स्थित है। जिसकी स्थापना इलाके के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए गांव निवासी दामोदर शर्मा ने अपनी लगभग पांच बीघा जमीन दान देकर सन् 1944 में कराया था। जिसे देश की आजादी के कुछ ही वर्षों बाद सरकार ने अपने संरक्षण में ले लिया था। यहां से शिक्षा प्राप्त कर दहिया गांव निवासी राजवर्द्धन शर्मा जैसे आईपीएस अधिकारी तथा निरखपुर गांव निवासी रामध्यान सिंह जैसे बिहार राज्य बस परिवहन विभाग के चेयरमैन व रघुनाथपुर गांव निवासी बेलन सिंह जैसे बिहार के मुख्य अभियंता सहित हजारों पदाधिकारी बने।
शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षण कार्य बाधित
मौजूदा समय में इस विद्यालय में शिक्षकों की घोर कमी के कारण शिक्षण कार्य बाधित है। इस विद्यालय में 565 छात्रों का नामांकन है। वहीं 20 शिक्षकों का पद है लेकिन उनमें प्रभारी प्रधानाध्यापक सहित मात्र दो मैट्रिक तथा दो इंटरमीडिएट के शिक्षक पदस्थापित हैं। यहां सामाजिक विज्ञान को छोड़कर एक भी विज्ञान, गणित, हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, संस्कृत के अलावे अन्य विषयों के शिक्षक नहीं हैं। यहां तक की लाइब्रेरियन तथा लिपिक का भी पद रिक्त है। इसके बावजूद भी सरकार का ध्यान इस महत्वपूर्ण व ब्रिटिश कालीन विद्यालय की ओर आकृष्ट नहीं हुई।
शिक्षकों की नियुक्ति व समिति गठित करने की मांग
इलाके के ग्रामीणों को कहना है कि विद्यालय की भवन जर्जर होते जा रही है। विद्यालय के विकास निधि का पैसा आता है। लेकिन शिक्षा समिति का गठन नहीं होने के कारण उसका निकासी नहीं हो पाता है। पूर्व पालीगंज विधायक नंद कुमार नन्दा ने अपने कार्यकाल में शिक्षा समिति का गठन कराया था। उस समय विद्यालय में कुछ विकास कार्य करायी गयी थी। उसके बाद से स्थानीय विधायक सह विद्यालय अध्यक्ष की अनदेखी व उदासीनता के कारण अब तक शिक्षा समिति का गठन नहीं हो पाया। जिसके कारण विद्यालय विकास निधि से आनेवाली राशि की निकासी नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से विद्यालय की विकास भी बाधित है। इस परिस्थिति को देखते हुए निरखपुर गांव स्थित प्राइवेट कोचिंग सेंटर के निदेशक वेद प्रकाश, सेवानिवृत शिक्षक सुरेश प्रसाद, नन्हे शर्मा व रंजन कुमार सहित अन्य ग्रामीणों ने विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति व समिति की गठन कराने की मांग किया है।

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