बिहार में अगर मंडी व्यवस्था फिर से शुरू नहीं हुई तो करेंगे बड़ा आंदोलन : राकेश टिकैत

  • मंडी व्यवस्था को लेकर किसान नेता ने सीएम नीतीश को लिखा पत्र, 2006 में समाप्त हुई थी यह व्यवस्था

पटना। बिहार में मंडी व्यवस्था फिर से शुरू करने की मांग जोर पकड़ रही है। अब चर्चित किसान नेता चौधरी राकेश टिकैच ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर इसके लिए बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है। वही इससे पहले  राजद नेता और तत्कालीन मंत्री सुधाकर सिंह लगातार यह मांग उठाते रहे। उन्होंने इसके लिए अपने विभाग में भी पत्र भी लिखा था। वे अब मंत्री पद पर नहीं हैं। कृषि से जुड़े मुद्दों को तल्खियत से उठाने और अफसरशाही पर सवाल उठाने पर नीतीश कुमार की नाराजगी बढ़ गई थी। इसके बाद लालू प्रसाद के निर्देश को मानते हुए सुधाकर सिंह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जानकारी के अनुसार, बिहार में नीतीश कुमार जब 2006 में एनडीए के साथ थे, उसी समय एपीएमसी अधिनियम और मंडी व्यवस्था को उन्होंने खत्म कर दिया था। चर्चित किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 17 अक्टूबर को पत्र लिखा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में टिकैट ने कहा की बिहार में पिछले लगभग 15 से 16 वर्ष से मंडियां बंद हैं जिससे वहां के उन किसानों को ना तो फसल बेचने का कोई प्लेटफार्म मिल पाता है और ना फसल के भाव प्रभावी रूप से मिल पा रहे हैं। बिहार का किसान अपने द्वारा पैदा किए हुए खानदान को दलालों के माध्यम से लागत से भी कम दाम पर बेचने पर मजबूर है। किसानों की आर्थिक स्थिति बिहार में बदहाल हो चुकी है। ना तो उनके पास में खेत में फसल बोने के लिए बीज का पैसा है और ना परिवार का पालन पोषण करने के लिए उपयुक्त धनराशि है। मुख्यमंत्री जी मंडियां होने के कारण बिहार का किसान दूसरे प्रदेशों में आकर मजदूरी करने पर विवश हो गया है जो छात्र किसान परिवार से आते हैं परिवार में धन उपलब्ध ना होने के कारण उनकी शिक्षा पर इसका बहुत असर पड़ रहा है। हमारे आग्रह पर बिहार में दोबारा से मंडियां शुरू किए जाने का कार्य किया जाए, जिससे किसान को फसल बेचने का प्लेटफार्म और न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए। अगर यह कार्य नहीं होता है तो बिहार में एक बड़ा आंदोलन करने पर हम मजबूर होंगे।

About Post Author

You may have missed