हमें भी इंजीनियरिंग करने के बाद नौकरी मिली, मगर उसे छोड़ हम आंदोलन में कूद गए थे : सीएम नीतीश
- पटना में इंडियन बिल्डिंग्स कांग्रेस की दो दिवसीय गवर्निंग कौंसिल मीट को मुख्यमंत्री ने किया संबोधित, डिप्टी सीएम समेत कई रहे मौजूद
पटना। राजधानी पटना के ज्ञान भवन में इंडियन बिल्डिंग्स कांग्रेस की दो दिवसीय 101वीं गवर्निंग कौंसिल मीट आयोजित की गई है। आज टेक्निकल सेमिनार में सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने 20 देश के 20 राज्यों से आये इंजीनियरों को संबोधित किया और कहा कि हम भी इंजीनियर हैं, नौकरी मिल रही थी लेकिन किया नहीं। आंदोलन में कूद पड़े। हमने बिहार में कई काम किये हैं। कई बिल्डिंग,अंतर राष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय बनवाये हैं। आप सब वहां जाकर जरूर देखें और अपनी राय दें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार गरीब राज्य है। इसके बाद भी हमने कई काम किये हैं। इंजीनियरों को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि आप जहां हैं उसके बगल में बापू सभागार हमलोगों ने बनवाया है। वहां एक साथ पांच हजार क्षमता का सभा भवन है। इतना बड़ा भवन पूरे देश में कहीं नहीं हैं। आपलोग जरूर देखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने एक-एक चीज बनाया है। आप लोगों से आग्रह करेंगे कि बिहार म्यूजियम को भी देखिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का बिहार म्यूजियम बनवाए हैं।
सरदार पटेल भवन की बिल्डिंग के ऊपर में ही हेलीपैड बनवा दिया, ताकि आपदा में भी काम हो
बड़ी बात यह है की बिल्डिंग बने या सड़क या फिर पुल, उसका निरंतर मेंटेनेंस होना चाहिए ।ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई कमी हो जाए। हमने संबंधित विभाग से कहा है कि और जितनी बहाली करनी है करिए। अगर कोई बिल्डिंग बन जाए तो उसका लगातार मेंटेन होना चाहिए। अगर मेंटेनेंस होगा तो कोई गड़बड़ी नहीं होगी। आप लोग सरदार पटेल भवन भी देख लीजिए। भूकंप तीव्रता अगर रिेक्टर स्केल-9 पर हो तो भी कुछ नहीं हो सकता है। सरदार पटेल भवन का हमने हमने ऐसा बिल्डिंग बना दिया है। बिल्डिंग के ऊपर में ही हेलीपैड बनवा दिया है। सिर्फ पुलिसिंग ही नहीं वहां से आपदा प्रबंधन का भी काम होता है।
हम नौकरी नहीं किए, हम तो जेपी मूवमेंट में लग गए थे : नीतीश
सीएम ने कहा कि पता चला है कि 20 जगहों से आप सब लोग यहां आए हैं। आप सब लोगों का स्वागत है। बिहार गरीब राज्य है। इसके बाद भी हम लोग काम करते रहते हैं। सब के उत्थान के लिए काम करते हैं। आप लोगों को पता है कि हम भी इंजीनियरिंग ही पढ़े हैं, हम को नौकरी मिल गया था, लेकिन हम नौकरी नहीं किए, हम तो आंदोलन में लग गए थे जेपी मूवमेंट में। आंदोलन में हम लोग आगे बढ़ते रहे।