भोजपुर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के बाद मरीज की आंखों की रोशनी गई, परिजनों ने अस्पताल में जमकर काटा बवाल
आरा। भोजपुर जिले के आरा शहर के महावीर टोला स्थित एक निजी नेत्र अस्पताल में एक महिला के मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद उसकी एक आंख की रोशनी चली गई। शुक्रवार की रात स्वजन ने लापरवाही का आरोप लगाकर अस्पताल में जमकर हो-हंगामा किया। बाद में नवादा थाना समेत अन्य थानों की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को किसी तरह संभाला। अस्पताल में हंगामे के बीच अफरा तफरी मची रही। पीड़ित महिला 60 वर्षीय चंपा देवी नवादा थाना क्षेत्र के गोढना रोड कैलाश नगर निवासी गुप्तेश्वर राम की पत्नी हैं। पीड़ित महिला की बहू रिंकू देवी ने बताया कि उनकी सास चंपा देवी को मोतियाबिंद हुआ था। इसको लेकर शुक्रवार की सुबह उनके देवर सास को महावीर टोला स्थित नेत्र अस्पताल लाए थे। जांच के बाद डाक्टर ने महिला की दाईं आंख में मोतियाबिंद होने की बात कही और ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई। परिवार की सहमति के बाद डॉक्टर ने महिला की एक आंख में मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया। हालांकि, ऑपरेशन सफल नहीं हो पाया। शुक्रवार की दोपहर करीब दो बजे महिला को उल्टी होने लगी। इसके बाद डाक्टर द्वारा उन्हें पानी चढ़ाया गया।
डॉक्टर ने परिजनों को लौटाए पैसे
शाम में करीब पांच बजे डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए जमा कराए पैसे परिजन को रिटर्न कर दिया और बोला गया गया कि अब इनकी आंख की रोशनी नहीं आएगी। यह सुनते ही स्वजन का आक्रोश भड़क उठा। स्वजन ने नेत्रालय क्लिनिक में जमकर हंगामा शुरू कर दिया। ऑपरेशन में लापरवाही बरतने के कारण आंख की रोशनी खत्म होने का आरोप लगा रहे थे। मांग कर रहे थे कि आंख की रोशनी पहले की तरह वापस लौटाया जाए। पीड़ित महिला चंपा देवी की बहू रिंकू देवी ने कहा कि उनकी सास ने बताया कि ऑपरेशन थिएटर में प्रसिद्ध चिकित्सक के बदले कोई महिला चिकित्सक थी। हालांकि, डा.एस.के. केडिया ने कहा कि उन्होंने खुद महिला का ऑपरेशन किया है। अस्पताल में चार डॉक्टर हैं। कोई भी ऑपरेशन कर सकते हैं। सभी प्रशिक्षित डॉक्टर हैं।ऑपरेशन के दौरान डा. अभिषेक और डा. शिल्पी ओटी में मौजूद थे। वही डॉक्टर ने बताया कि महिला की आंख में जटिलता थी। मरीज को एक्सपल्सिव हेमरेज कैटरेक्ट सर्जरी की समस्या थी, जो बहुत रेयर होता है।