नई शिक्षक नियमावली के विरोध में पटना में शिक्षकों का डीएम आवास के बाहर प्रदर्शन, आयुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंपा

पटना। राजधानी पटना में नई शिक्षा नियमावली के खिलाफ पांच हजार नियोजित शिक्षकों ने पदयात्रा निकाली। यह यात्रा पटना के गांधी मैदान से शुरू होकर डीएम कार्यालय पहुंची, जहां शिक्षकों ने आयुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। शिक्षकों की मांग है कि 2023 नियमावली को बदलना होगा। समान काम का समान वेतन देना होगा। उनका कहना है कि हम लोग बीपीएससी परीक्षा देने को तैयार हैं, लेकिन 15-16 साल से हम लोग नौकरी कर रहे हैं उसका क्या? हम इतने साल काम करके फिर से परीक्षा क्यों दें। हमारी मांग है की हमें राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए क्योंकि हम लोग 17 सालों से सेवा में है। फिर जॉब हम लोगों को नहीं मिलेगा तो किसे मिलेगा। बार-बार परीक्षा का बहाना बनाकर हमें टाला जा रहा है। इसलिए मैं सरकार से निवेदन करता हूं कि हम सभी शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दे दीजिए और हम आपके साथ हैं। यह जो शिक्षक नियमावली 2023 आई है वह हम लोगों पर लागू नहीं होना चाहिए। हम परीक्षा के लिए अप्लाई ही नहीं करेंगे परीक्षा देना तो दूर की बात है। हमारे छात्र रिजल्ट भी देते हैं। ऐसा किसी भी सरकार में नियम नहीं है कि जो 17 सालों से शिक्षक है उसे फिर से नौकरी के लिए परीक्षा देना होगा। इसलिए इसका हमलोग विरोध करते है। शिक्षक नियमावली 2023 सरकार को बदलना होगा। समान काम का समान वेतन देना होगा। बीपीएससी परीक्षा अगर देने की बात है तो हम वह भी देने को तैयार है। लेकिन हम लोग 15 सालों से जो सेवा कर रहे हो सेवा का हमें क्या परिणाम मिला। अब तो हमारी नौकरी भी पास से 6 साल ही बची है। हम लोगों ने जिन बच्चों को पढ़ाया है वह बीपीएससी का परीक्षा दे रहे हैं और अब हम लोग उनके साथ कैसे परीक्षा दे।

यह नियम सरकार द्वारा बार-बार बदला जाता है। अगर हमारे काबिलियत पर शक है तो हमारे बच्चों की रिजल्ट 90% कैसे आ रही है। जबकि बच्चों का रिजल्ट पहले इतना अच्छा नहीं होता था। नियुक्ति नियमावली के तहत शिक्षक के पद के लिए बीपीएससी परीक्षा देना अनिवार्य कर दिया गया है। लिखित परीक्षा के साथ साक्षात्कार लेने की भी तैयारी में सरकार लगी है। वही 2005 से अब तक जितने नियोजित शिक्षक हैं, अगर वे बीपीएससी परीक्षा पास कर भी जाते हैं तो उनकी गणना नए शिक्षक की तरह की जाएगी। अब तक जो सेवा नियोजित शिक्षक के रूप में की है, उसे उनके सर्विस में नहीं जोड़ा जाएगा। अगर सभी सीटों पर पुराने शिक्षक परीक्षा पास कर जाते हैं तो नए प्रशिक्षित शिक्षक की बहाली नहीं हो पाएगी।

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