पटना मे डॉयल 102 के चालक और टेक्नीशियन की हड़ताल, अस्पताल जाने में मरीज हो रहे परेशान
पटना। पटना में डायल 102 सेवा के चालक और तकनीशियनों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर असर पड़ा है। यह हड़ताल बिहार में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की एक महत्वपूर्ण कड़ी को प्रभावित कर रही है। डायल 102 सेवा राज्य के विभिन्न हिस्सों से मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य करती है। यह सेवा विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए अत्यधिक आवश्यक है। हालांकि, डायल 102 के चालकों और तकनीशियनों ने अपनी मांगों को लेकर अचानक हड़ताल शुरू कर दी, जिससे इस सेवा का संचालन पूरी तरह से ठप हो गया है। इस हड़ताल का प्रमुख कारण कर्मचारियों की वेतन संबंधी समस्याएं, काम के हालात, और अन्य कर्मचारियों से संबंधित मुद्दे हैं। लंबे समय से इन कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिए जाने से उनमें असंतोष बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप हड़ताल का ऐलान किया गया। इस हड़ताल के कारण मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे उनके आर्थिक बोझ में भी इजाफा हुआ है। जिन मरीजों के पास निजी वाहन नहीं हैं, उन्हें अस्पताल पहुंचने में कठिनाई हो रही है। कई मामलों में, गंभीर स्थिति वाले मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में देरी हो रही है, जिससे उनकी जान पर भी खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं करने का प्रयास किया है। उन्होंने हड़ताली कर्मचारियों से बातचीत करके हड़ताल को समाप्त करने की कोशिश की है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। राज्य सरकार ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा है कि वे कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करेंगे, लेकिन इसके लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी। इस बीच, मरीजों और उनके परिजनों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। अस्पतालों में भीड़भाड़ बढ़ गई है और मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों पर भी दबाव बढ़ गया है, क्योंकि उन्हें अब बिना उचित साधनों के ही मरीजों की देखभाल करनी पड़ रही है। इस हड़ताल ने बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति को उजागर कर दिया है। यह दिखाता है कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं अभी भी कई चुनौतियों का सामना कर रही हैं, जिनका समाधान आवश्यक है। सरकार को जल्द से जल्द इस हड़ताल का समाधान निकालना चाहिए, ताकि मरीजों को फिर से सुचारू रूप से स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। कुल मिलाकर, डायल 102 के चालक और तकनीशियनों की हड़ताल ने न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित किया है, बल्कि समाज में भी असंतोष का माहौल पैदा कर दिया है। इसे देखते हुए राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है, ताकि इस संकट का समाधान किया जा सके और मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।