बिहार पुलिस की नौकरी से सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज बर्खास्त, गिरफ्तारी की लटकी तलवार

पटना। बिहार पुलिस की नौकरी से सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज को बर्खास्त कर दिया गया है। उनकी पोस्टिंग लखीसराय जिला पुलिस बल में थी। साथ ही, बिहार पुलिस मेन्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर भी हैं। नौकरी से बर्खास्त करने की कार्रवाई डीजीपी एसके सिंघल के आदेश पर हुई है। इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई किए जाने को लेकर आर्थिक अपराध इकाई की तरफ से अनुशंसा की गई थी। इनके ऊपर सरकारी नौकरी करते हुए जमकर भ्रष्टाचार करने का आरोप है।
गिरफ्तारी की तलवार लटकी
पुलिस मुख्यालय के आदेश पर सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे। लखीसराय के एसपी को जांचकर्ता बनाया गया था, साथ ही नरेंद्र कुमार धीरज से उन पर लगे आरोपों के आधार पर स्पष्टीकरण मांगा गया था। सिपाही के तरफ से स्पष्टीकरण का जवाब दिया भी गया। मगर, पुलिस मुख्यालय की मानें तो उनका जवाब संतोषजनक नहीं मिला। लखीसराय एसपी की तरफ से सौंपे गए रिपोर्ट के आधार पर ही उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की गई। अब इनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक गई है।
21 सितंबर को 9 ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
बालू माफियाओं का साथ देने और भ्रष्टाचार के जरिए अकूत संपत्ति अर्जित करने के आरोप में पिछले साल 21 सितंबर को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने नरेंद्र कुमार धीरज के कुल 9 ठिकानों पर छापेमारी की थी। जिसमें इनकी आमदनी सरकार से मिलने वाली सैलरी से 544 प्रतिशत अधिक मिली थी। दावा किया गया था कि नरेंद्र कुमार धीरज 9 करोड़ 47 लाख 66 हजार 745 रुपए की चल-अचल संपत्ति के मालिक हैं। ईओयू ने सिपाही के साथ ही सुरेन्द्र कुमार सिंह, शशिभूषण सिंह, श्याम बिहारी सिंह, वीरेंद्र सिंह, वीजेंद्र कुमार विमल, अशोक कुमार और भतीजा धर्मेंद्र कुमार को भी आरोपी बनाया गया था।
डीजीपी के खिलाफ आवाज उठाने का परिणाम
पुलिस की नौकरी से बर्खास्त किए गए सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज ने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। इनके अनुसार उन पर बदले की भावना से कार्रवाई की गई है। उन्होंने डीजीपी एसके सिंघल के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने डीजीपी की नियुक्ति को ही अवैध बता सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दाखिल किया था। इनके अनुसार इसी वजह से मेरे साथ गलत किया जा रहा है। यह कार्रवाई सिर्फ एफआइआर के आधार पर नहीं है। पूरी तरह से बदले की भावना से इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।

About Post Author

You may have missed