आईआईटी मद्रास बीएस डेटा साइंस के 2,500 विद्याथिर्यों को मिला जॉब और प्रमोशन

फुलवारीशरीफ, अजीत। डेटा साइंस और एप्लिकेशन में आईआईटी मद्रास की बीएस डिग्री के चार साल पूरे हो रहे हैं,संस्थान ने अब तक इस प्रोग्राम के 2,500 से अधिक छात्रों को नौकरी या पदोन्नति लेने में सक्षम बनाया है। 850 से अधिक छात्र कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूएस और आल्टो यूनिवर्सिटी, फिनलैंड जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के मास्टर और पीएचडी प्रोग्राम में प्रवेश लेने में सफल रहे है। इतना ही नहीं, बहुत से विद्यार्थी अपने प्राथमिक डोमेन से स्ट्रीम बदल कर कंप्यूटर साइंस या डेटा साइंस में प्रवेश ले चुके हैं। जून 2020 में शुरू किया गया यह एक अभूतपूर्व प्रोग्राम है, जो आईआईटी मद्रास से पढ़ने के इच्छुक छात्रों का सपना जेईई की कठिन परीक्षा दिए बिना संभव बनाता है। वर्तमान में पूरे भारत के 27,000 से अधिक छात्र इस प्रोग्राम में नामांकित हैं। पढ़ाई ऑनलाइन होती है और परीक्षाएं फिजिकल मोड में होती है।पूरे देश और विदेशों में भी कुल 150 केंद्रों पर परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी। कामकोटि ने प्रोग्राम की सफलता पर बधाई देते हुए कहा हमारे सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को भी शिक्षा का समान अवसर मिले इसलिए इस प्रोग्राम में शुल्क माफ करने और अन्य सहायता देने का भी प्रावधान किया गया है। सालाना 5 लाख रुपये (5 एलपीए) से कम पारिवारिक आय वाली सभी छात्राओं एवं एक लाख रुपये से कम पारिवारिक आय वाले सभी छात्रों के लिए के लिए शुल्क पूरी तरह से माफ कर दिया गया है। अब तक 3,645 से अधिक छात्र ये लाभ ले चुके हैं और सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और इसमें उनकी आर्थिक तंगी बाधक नहीं बन रही है। इस बारे में प्रोफेसर एंड्रयू थंगराज, प्रोफेसर-इन-चार्ज, बीएस (डेटा साइंस एण्ड एप्लीकेशन), आईआईटी मद्रास ने बताया, हमारे 4-वर्षीय बीएस डिग्री प्रोग्राम के सबसे आरंभिक बैच के विद्यार्थियों के लिए 4 साल की पढ़ाई पूरी करना और ग्रैजुएट होना अभी बाकी है। बीएस प्रोग्राम की विशिष्टताएं बताते हुए प्रोफेसर विग्नेश मुथुविजयन, प्रोफेसर-इन-चार्ज, बी।एस। (डेटा साइंस एंड एप्लीकेशन), आई।आई।टी। मद्रास ने कहा, “प्रोग्राम में एक्ज़िट के कई विकल्प दिए गए हैं।  आईआईटी मद्रास की बीएस टीम की पुरजोर कोशिश प्रोग्राम में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों के लिए अवसर बढ़ाना है। इस तरह छात्रों को खुद फैकल्टी से बात करने और उनके साथ काम करने की संभावना तलाशने का अवसर मिलता है। इस प्रोग्राम में शिक्षा सहायक और मेंटर भी नियुक्त किए गए हैं, जो कोर्स के विद्यार्थियों को शैक्षिक सहायता देते हैं और उन्हें इस कार्य अवधि में आईआईटीएम कैम्पस में रहने की सुविधा दी जाती है। 18 साल की सुश्री रेनी नोरोन्हा भारत की सबसे कम उम्र की महिला ‘आयरनमैन’ एथलीट हैं। 16 घंटे के रिकॉर्ड समय में न्यूजीलैंड में आयरनमैन का लक्ष्य पूरा कर चुकी हैं। रेनी इसके लिए हर दिन कुछ घंटे प्रशिक्षण लेती हैं और मई 2024 में डिप्लोमा स्तर पर प्रवेश लेने वाली हैं। 1 21 साल की सुश्री आराधना आनंद एक प्रोफेशनल हरिकथा परफॉर्मर हैं जो लगातार अलग-अलग शहरों और देशों में परफॉर्म करती हैं। छात्रों ने बतौर प्राथमिक डिग्री इसे आधार बना कर मास्टर और पीएचडी प्रोग्राम में प्रवेश लिया

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