शरद यादव का दिल्ली का 7 तुगलक रोड बंगला कराया गया खाली, शरद बोले- अगर समय बदला तो फिर मैं दिल्ली लौटूंगा

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने मंगलवार को 7 तुगलक रोड बंगला खाली कर दिया। अब वह छतरपुर शिफ्ट हो रहे हैं। लुटियंस जोन में करीब 50 साल बिताने वाले शरद यादव को राज्यसभा की सदस्यता समाप्त होने के बाद बंगला खाली करने को कहा गया था। हालांकि, वह इसके लिए सुप्रीम कोर्ट भी गए लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में मंत्री रहे शरद यादव कभी जेडीयू के साथ भी रहे। उनके नीतीश के साथ एक समय तक रिश्ते काफी अच्छे थे। वह बिहार जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष भी रहे। आवास खाली करने के बाद शरद यादव ने कहा कि यह समय की बात है। उन्होंने कहा कि सबका समय आता है और चला जाता है। मैं लुटियंस जोन में 50 साल से हूं। मैं 22 साल से 7 तुगलक रोड पर रह रहा था। समय बदलता रहता है। यादव का कहना है कि वह अब छतरपुर शिफ्ट हो रहे हैं।
सबका समय आता है, अगर समय बदला तो तो फिर मैं दिल्ली लौटूंगा : शरद यादव
राजद द्वारा उन्हें राज्यसभा का टिकट न दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि कहानी को पीछे छोड़ देना ही बेहतर है, अब जबकि हर जगह राज्यसभा के टिकट फाइनल हो चुके हैं। शरद यादव ने कहा कि “मैंने अपना पूरा जीवन संघर्ष किया है। मैंने नैतिक आधार पर तीन बार संसद से इस्तीफा दिया है। कितने नेताओं ने अपने राजनीतिक जीवन में ऐसा किया है। आगे उन्होंने बताया कि वह 1974 में दिल्ली आए थे, और आपातकाल के दौरान दो साल के लिए जेल गए थे। मैं इस लुटियंस में 50 साल से हूं, लुटियंस दिल्ली में आज मेरा आखिरी दिन है। अगर समय बदलता है तो फिर यहां लौटूंगा।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश
शरद यादव 7 तुगलक रोड स्थित बंगले में पिछले 22 साल से रह रहे थे। यहीं पर रहते हुए उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली। सांसद भी रहे। अपनी राजनीति का एक लंबा वक्त उन्होंने इस बंगले में बिताया है। लेकिन राज्यसभा की सदस्यता समाप्त होने के बाद उन्हें कई बार बंगले को खाली करने के लिए कहा गया। लेकिन बंगले की खाली करने से बचने के लिए वह कोशिश में लगे रहे। इस बीच बंगले को खाली कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। जहां से कोर्ट ने शरद यादव के खिलाफ में फैसला सुनाया और उन्हें 31 मई तक बंगले को खाली करने के आदेश दिए थे।

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