बिहार में जातीय जनगणना के दूसरे चरण का फॉर्मेट तैयार, लोगों से पूछे जाएंगे ये खास सवाल

पटना। बिहार में जाति आधारित गणना का पहला चरण शनिवार को खत्म हो रहा है। इसके तहत मकानों की गिनती का काम तकरीबन पूरा हो गया है। इसकी रिपोर्ट तैयार होने के बाद अप्रैल 2023 से जाति गणना के दूसरे चरण की शुरुआत होगी। हालांकि दूसरे चरण की तारीख की घोषणा नहीं हुई है। यह समझा जा रहा है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में विधानमंडल का बजट सत्र समाप्त होने के बाद ही इसकी शुरुआत होगी। इसका प्रारूप तैयार कर लिया गया है। इसमें घर-घर जाकर जाति के साथ ही सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण भी किया जाएगा। इस सर्वे के लिए लोगों से दो दर्जन से अधिक सवाल पूछे जाएंगे। सवालों की इस प्रश्नावली को अंतिम रूप देने की कवायद में सामान्य प्रशासन विभाग जुट गया है। सरकार के स्तर पर इसकी प्रश्नावली पर अंतिम रूप से सहमति बनने के बाद जल्द ही गजट प्रकाशित कर दिया जाएगा।
जातीय गणना के दूसरे चरण में लोगों से पूछे जाएंगे ये सवाल
जाति आधारित गणना का कार्य वही प्रगणक करेंगे, जिन्होंने पहले चरण में घरों और बसावटों की गिनती कर मकानों पर संख्या अंकित की है। इस दौरान लोगों से उनकी जाति विशेष के अलावा उनका नाम, वर्तमान पता, स्थायी पता, उम्र, पिता या पति का नाम, वैवाहिक स्थिति, संतानों की जानकारी, शैक्षणिक योग्यता, आय का स्रोत, वार्षिक आय, मकान अपना है या किराये पर, सामाजिक स्थिति, गाड़ी है या नहीं, अगर है तो कौन सी है, कितने सदस्य हैं घर में, इनमें कितने लोग नौकरी करते हैं, सरकारी नौकरी से कोई रिटायर हैं या नहीं, सरकारी पेंशन का लाभ मिलता है या नहीं, किसी तरह के पेंशन का लाभ या अन्य किसी तरह की सरकारी योजना का क्या लाभ ले रहे हैं समेत अन्य तरह के प्रश्न पूछकर इन्हें एक निर्धारित फॉर्म में भरा जाएगा। इसके अलावा यह भी पूछा जाएगा कि अगर किसी के घर में कमाने वाला कोई एक ही है, तो उसपर आश्रित लोगों की संख्या कितनी है। वही जातिगत गणना कें दूसरे चरण के सर्वे का काम करने के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा। इस सर्वे का काम मुख्य रूप से उन्हीं घरों में होगा, जिनकी पहले चरण के दौरान नंबरिंग हो चुकी है। नंबरिंग वाले घरों में प्रगणक पहुंच कर इनमें निर्धारित प्रश्नावली को लोगों से पूछकर जानकारी इकट्ठा करेंगे।

About Post Author

You may have missed