पटना के पाली-खिरीमोड़ मुख्य सड़क पर गोलीबारी कर युवक को लूटा, दहशत में लोग
- सुरक्षा को लेकर पुलिस के कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
पालीगंज। पटना के पालीगंज थाना क्षेत्र के नगमा गांव के सीमा अंतर्गत पाली-खिरीमोड़ मुख्य सड़क पर बीते मंगलवार की रात अज्ञात अपराधियों ने गोलीबारी कर एक युवक को जख्मी करते हुए लूटपाट किया। वहीं घटना के बाद सड़क से गुजरनेवाले लोगों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है। जबकि सुरक्षा को लेकर पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार खिरीमोड़ थाना क्षेत्र के खानपुरा गांव निवासी उपेंद्र शर्मा के 19 वर्षीय पुत्र अभिषेक कुमार अपने मौसेरा भाई किंजर थाना के झुनाठी गांव निवासी नीरज शर्मा के 15 वर्षीय पुत्र आदर्श राज के साथ बाइक पर सवार होकर पालीगंज से खानपुरा गांव स्थित अपना घर लौट रहा था। वह पालीगंज थाना क्षेत्र के नगमा गांव के सीमा अंतर्गत पाली खिरीमोड़ मुख्य सड़क पर स्थित पईन के पास पहुंचा तभी घात लगाए अपराधियों ने गोलीबारी कर दिया। गोली आदर्श राज के आंख के बगल से होकर गुजरी जिससे आदर्श राज के आंख के पास जख्म बन गया। वहीं अपराधियों ने बाइक को रोककर अभिषेक कुमार को लाठी-डंडे से पीटकर घायल कर दिया और सोने की चेन, कीमती मोबाइल, मोटरसाइकिल की चाबी व 30 हजार नगद लूटकर फरार हो गये। जिसकी प्राथमिकी पीड़ित ने पालीगंज थाने पहुंचकर दर्ज कराया है। वहीं घायलों की इलाज पालीगंज अनुमंडल अस्पताल में कराया गया।
वहीं लगातार हो रहे लूटपाट की घटना के बाद सड़क से गुजरनेवाले लोगों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है। लोगों का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण अपराधी बेलगाम हो चुकी है। जिस पर नकेल कसने में पुलिस विफल दिखाई पड़ रही है। इस सड़क किनारे सात किलोमीटर के बीच कहीं कोई गांव नहीं है। वहीं पुलिस पेट्रोलिंग भी सही ढंग से नहीं कर रही है।
बता दें कि घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर दस दिनों पूर्व चार लोगों के साथ लूटपाट किया गया था। जबकि दो दिनों पूर्व खिरीमोड़ बाजार स्थित भवानी स्टूडियो के दरवाजा का ताला तोड़ अपराधियों द्वारा चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था। सड़क पर सीमांकन सूचक बोर्ड नहीं लगाए जाने से पीड़ितों को घटना के बाद प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए दो थाने खिरीमोड़ एवं पालीगंज थाने का चक्कर लगाना पड़ता है। वहीं पुलिस सीमा विवाद में पड़ी रहती है तथा त्वरित कार्रवाई के बजाए टालमटोल करती रहती है। तब तक अपराधी सीमा पार कर सुरक्षित भागने में सफल हो जाते हैं।