नए संसद भवन उद्घाटन समारोह का राजद-जदयू करेगा बहिष्कार, कई विपक्षी दल भी नही होंगे शामिल

पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सेंट्रल विस्टा यानी नई संसद भवन का उद्घाटन करने के फैसले का देश के तमाम विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। वहीं अब विपक्षी दलों ने उद्घाटन का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। राजद के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता मनोज झा ने बुधवार को कहा कि संविधान सर्वोपरि होता है। कोई भी ऐसी चीज ना हो जिससे राष्ट्रपति के मान में कमियां आए। इसीलिए देश के तमाम विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। मनोज झा ने कहा कि जब से इस बात की चर्चा हुई कि प्रधानमंत्री खुद नई संसद भवन का उद्घाटन करेंगे तब से सभी दलों ने यह सुझाव और सलाह दिया कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति से कराना चाहिए। यही संवैधानिक व्यवस्था है कि राष्ट्रपति को इसका उद्घाटन करना चाहिए। यह परंपराओं और रवायतों के अनुकूल होता है। इससे संविधान सर्वोपरि है इसकी पुष्टि होती है। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी की सुनते नहीं हैं। वह अपने मन की करते हैं। ऐसे में तमाम विपक्षी दलों ने निर्णय लिया है कि हम इसका बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि आज से 20 वर्ष या 50 वर्ष बाद जब कभी इसका इतिहास लिखा जाएगा तब यह बात सामने आएगी विपक्ष के तमाम दल इसके पक्ष में एकराय थे कि राष्ट्रपति के मान में कोई कमी नहीं आए। इसी को लेकर विपक्ष ने उसका बहिष्कार किया। उन्होंने कहा कि इतिहास सब कुछ याद रखेगा यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद रखना चाहिए। 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होना है। सूत्रों के अनुसार उद्घाटन के दिन राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों एक बधाई संदेश देंगे। विपक्ष शुरू से ही भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराने पर शीर्ष सांविधानिक पदों का अपमान करने का आरोप लगा रही है। जेडीयू के पूर्व महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि उनकी पार्टी विपक्ष के साथ है। जहां तक संसद के उद्घाटन कार्यक्रम का मुद्दा है तो हम इस मुद्दे पर भी विपक्ष के साथ है। हम विपक्ष के एकजुट करने में लगे हुए हैं। वहीं, कांग्रेस ने भी अब साफ कर दिया है कि वो उद्घाटन कार्यक्रम में शरीक नहीं होगी। इसी कारण राजद सहित तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), आम आदमी पार्टी (आप), सीपीआईएम ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने की घोषणा की है। कांग्रेस की ओर से पहले से ही मांग की जा रही है कि संसद भवन का उदघाटन प्रधानमंत्री को नहीं बल्कि राष्ट्रपति को करना चाहिए। राष्ट्रपति एक ऐसा पद है जो देश के पक्ष और विपक्ष सबका प्रतिनिधित्व करते हैं। उद्धव ठाकरे गुट भी नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करेगा। संजय राउत ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है और हम भी ऐसा ही करेंगे।

About Post Author