नौ साल की बच्ची की पांच दिन बाद आई रिपोर्ट, न पॉजिटिव न निगेटिव

पटना । पीएमसीएच की लैब की एक जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी मिली है। पांच दिन बाद दी गई रिपोर्ट में रिजल्ट की जगह पर खाली छोड़ दिया गया है। वहां न तो पॉजिटिव लिखा गया है और न ही निगेटिव। ऐसे में परिवार वाले असमंजस में है कि इसे क्या मानें।

दरअसल, नौ वर्षीय बच्ची ने 16 अप्रैल को पीएमसीएच में कोविड जांच के लिए सैंपल दिया था। इसकी रिपोर्ट अब आई है। आरटीपीसीआर की रिपोर्ट में न पॉजिटिव लिखा है और न ही निगेटिव। लोगों का कहना है कि ऐसे में संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है। नौ साल की बच्ची को तेज बुखार के बाद डॉक्टर ने कोविड जांच के लिए लिखा था।

इस संबंध में पीएमसीएच प्रशासन की तरफ से कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। इनका कहना है कि डॉक्टरों और लैब टेक्नीशियनों के संक्रमित दिखने का असर जांच रिपोर्ट पर भी दिखने लगा है।

पटना हाईकोर्ट कीे गठित दो सदस्यीय टीम ने मंगलवार को कोविड वार्ड का निरीक्षण किया। टीम में राज्य मानवाधिकार आयोग के सचिव राजेश कुमार व पटना एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह शामिल थे। टीम ने एनएमसीएच परिसर स्थित एमसीएच कोविड वार्ड का निरीक्षण किया तथा कोविड मरीजों के इलाज से संबंधित उपलब्ध संसाधनों का जायजा लिया। बाद में टीम के सदस्यों ने कोविड डेडिकेटेड अस्पताल के लिए संसाधनों की कमी से मरीजों को होने वाली परेशानियों की जानकारी ली। विदित हो कि पीआईएल दायर होने के बाद हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कमेटी गठित कर इलाज व्यवस्था की रिपोर्ट देने को कहा है। टीम में शामिल सदस्यों ने कुछ भी बताने से इंकार करते हुए कहा कि सारी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपी जाएगी।

 

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