बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत : वित्तीय वर्ष का बिजली टैरिफ ही रहेगा लागू, कंपनी ने दिया था 10 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव

पटना। बिहार के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। राज्य में नए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बिजली की दरों का एलान कर दिया गया है। बिजली कंपनी ने अपने घाटे को देखते हुए नए वित्तीय वर्ष में 2022-23 के लिए बिजली दर में 9.90 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली कंपनी के प्रस्ताव पर कई स्तर पर जनसुनवाई की। कोरोना की वजह से कई जनसुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई थी। अंतत: आयोग ने घोषणा किया कि राज्य में बिजली टैरिफ में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं होगा। समाप्त हो रहे वित्तीय वर्ष का बिजली टैरिफ ही लागू रहेगा। फिक्स चार्ज में भी किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। आयोग ने एटी एंड सी नुकसान को कम करने, ऐसेट रजिस्टर, रेग्यूलेटरी एकाउंटिंग, ऊर्जा क्रय को संतुलित करने, स्मार्ट प्री पेड मीटर आदि के बारे में कई निर्देश दिए हैैं। बता दें कि बिजली दर की आखिरी घोषणा विनियामक आयोग ही आम जन की राय लेने के बाद ही करता है।
बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा ने शुक्रवार को इस संबंध में लिए गए फैसले को सार्वजनिक किया। घरेलू बिजली के उपभोक्ताओं को राहत देते हुए बिजली कंपनी के उस प्रस्ताव को भी स्वीकार नहीं किया, जिसके तहत डीएस-2 के तीन स्लैब को दो स्लैब में सीमित किए जाने का प्रस्ताव दिया गया था। एचटी लाइन के उपभोक्ताओं के टैरिफ संरचना को सहज करते हुए एचटीएस जेनरल और सभी औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं की श्रेणी बनाए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति आयोग ने दी है ।
कोविड-19 को ध्यान में रख आक्सीजन निर्माताओं के लिए एक अलग श्रेणी बनाए जाने का प्रस्ताव भी नियामक आयोग ने दिया है। सभी तरह के नए एचटी औद्योगिक उपभोक्ताओं को लोड फैक्टर इंसेंटिव दिए जाने को ले के प्रस्ताव को भी नियामक आयोग ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है। औद्योगिक इकाईयों को प्रोत्साहित किए जाने और अतिरिक्त बिजली के उपयोग को ध्यान में रख नियामक आयोग ने यह निर्णय लिया है कि एचटीएसएस श्रेणी में पृथक लोड फैक्टर इंसेंटिव दिए जाने का फैसला दिया है।

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