विशेष भूमि सर्वेक्षण में बिहार के बाहर रहने वालों को सरकार ने दी बड़ी राहत, स्वघोषणा देने की तारीख 30 नवंबर तक बढ़ी

पटना। बिहार में चल रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण को लेकर राज्य में लोगों के बीच अफरा तफरी का माहौल मचा हुआ है। लोग अपने जमीन के दस्तावेजों के लिए अंचल कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। साथ ही बिहार के बाहर रहने वाले बिहार के निवासियों में भी जमीन सर्वे को लेकर कई प्रकार की परेशानियां देखने को मिल रही है इसी बीच बिहार सरकार ने बिहार के बाहर रहने वाले लोगों को बड़ी राहत देते हुए लैंड सर्वे में कागज जमा करने की अवधि को 30 नवंबर तक विस्तारित कर दिया है इस संबंध में विभाग की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि जमीन सर्वे के लिए राज्य से बाहर रहने वाले बिहार आने की हड़बड़ी ना करें। दीपावली-छठ में आएं तो जमीन के दस्तावेज की व्यवस्था कर स्वघोषणा (जमीन की जानकारी) जमा कर दें। 31 अक्टूबर को दीपावली है। 7-8 नवंबर को छठ महापर्व है। यह देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 30 नवंबर तक स्वघोषणा की तिथि बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।नियमावली में संशोधन भी हो रहा है। सरकार ने 20 अगस्त के आसपास 43,041 गांवों में जमीन सर्वेक्षण की घोषणा की है। इसके मुताबिक 45 दिनों के अंदर रैयतों को अपनी जमीन की जानकारी (स्वघोषणा) देनी है। 45 दिन की मियाद अब 100 दिन की होगी। 45 दिन वाली मियाद अक्टूबर के पहले हफ्ते में खत्म हो रही थी जो अब 30 नवंबर तक बढ़ जाएगी।राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि स्वघोषणा की तिथि तीन महीने बढ़ाई गई है। विभाग के कर्मचारी जनता की मदद करेंगे। अगर शिकायत मिली तो कार्रवाई होगी। वहीं जमीन सर्वे की शुरुआत होते ही पटना सहित राज्य भर के अभिलेख कार्यालयों में दस्तावेज निकालने के लिए आवेदनों की संख्या ढाई गुना तक बढ़ गई है। सामान्य तौर पर जिला मुख्यालय स्थित निबंधन कार्यालय के अभिलेखागार और जिला रिकॉर्ड रूम में दस्तावेज निकालने के लिए औसतन 100 से 120 आवेदन हर दिन आते थे। अभिलेखागार व जिला रिकॉर्ड रूम दोनों जगहों को मिलाकर इसकी संख्या 600 से अधिक हो गई है। कर्मियों और संसाधन की कमी के कारण हर दिन आधे से कम आवेदकों को ही दस्तावेज मिल रहे हैं। इसमें 20 प्रतिशत आवेदन दस्तावेज का कागज फटे होने या खोज नहीं पाने के कारण रिजेक्ट हो रहे हैं। शेष आवेदन बैकलॉग में चले जा रहे हैं। दोनों जगहों को मिला कर अभी 5000 से अधिक आवेदन पेंडिंग हैं। इनके निपटारे के लिए कर्मियों की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया की जा रही है, जिसके लिए राज्यभर में 409 लिपिक के पद पर बहाली की प्रक्रिया शुरू की गई है। वहीं जमीन सर्वे के लिए राज्य से बाहर रहने वाले बिहार आने की हड़बड़ी ना करें। 30 नवंबर तक स्वघोषणा की तिथि बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लोगों की सहायता के लिए एक टॉल फ्री नंबर 18003456215 जारी किया गया है।
