94वीं पुण्यतिथि पर याद किये गए राजकुमार शुक्ल, लोजपा (रा) के प्रवक्ता राजेश भट्ट ने तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया नमन

पटना। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक और चंपारण सत्याग्रह के अग्रदूत पंडित राजकुमार शुक्ल की 94वीं पुण्यतिथि पर राजकुमार शुक्ल स्मृति संस्थान की तरफ से पुण्यतिथि समारोह का आयोजित की गई। वही इस अवसर पर पंडित शुक्ल के दोहत्रि वीणा देवी संस्थान के अध्यक्ष एवं लोजपा (रा) के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट समेत प्रदेश के कई गणमान्य लोगों ने पंडित राजकुमार शुक्ल के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि अर्पित की! वही इस अवसर पर उपस्थित कई मूर्धन्य विद्वानों ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चंपारण सत्याग्रह में उनके द्वारा किए गए अमूल्य योगदान, उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला कर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भट्ट ने कहा कि पंडित शुक्ल के चंपारण सत्याग्रह में किए गए योगदान को कभी कृतज्ञ राष्ट्र भुला नहीं सकता। भले ही पिछली सरकारों ने उन्हें वह सम्मान देने का काम नहीं किया। जिसके वे हकदार थे। पंडित शुक्ल उस महान व्यक्तित्व का नाम है जिसके भागीरथ प्रयास से बिहार की पावन धरती पर राष्ट्रपिता बापू आए! उन्होंने कहा की चंपारण सत्याग्रह ने देश की आजादी की दिशा और दशा तय की! चंपारण सत्याग्रह महात्मा गांधी द्वारा स्वाधीनता संग्राम की पहली प्रयोगशाला बनी। जिसमें तिनकठिया पद्धति के संहार के साथ-साथ 19 लाख किसानों को न्याय दिलाने का काम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने किया। जिसके पश्चात वे स्वाधीनता संग्राम के राष्ट्रीय फलक पर स्थापित हो गए और उनके नेतृत्व में देश को आजादी मिली। इसलिए चंपारण सत्याग्रह के अहमियत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। सत्याग्रह के इस महानायक के सम्मान के लिए सरकार को सकारात्मक रुख अख्तियार करने की आवश्यकता है।

वही आगे भट्ट ने कहा कि बिहार की राजधानी पटना में राज्य सरकार द्वारा उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए। जिससे उनके त्याग बलिदान और राष्ट्र के प्रति समर्पण को भावी पीढ़ी जान सके साथ ही बिहार सरकार पाठ्य पुस्तकों में उनके जीवनी को समावेशित करना चाहिए। जिसे चंपारण सत्याग्रह के उन अनछुए पहलुओं से आज की पीढ़ी अवगत हो सके जो इतिहास के पन्ने में दर्ज नहीं हो सका है। वही इस अवसर पर मौजूद पंडित शुक्ल की दौहित्र वीना देवी ने सरकार पर आरोप लगाया कि जो पंडित शुक्ल सम्मान मिलना चाहिए था वह नहीं मिला। केंद्र सरकार के पास उनके भारत रत्न की जो मांग लंबित है उस पर केंद्र सरकार को अभिलंब विचार करने की आवश्यकता है। वही इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने देश की आजादी के लिए पंडित राजकुमार शुक्ल के योगदान को भूला दिया है। वही आगे भट्ट ने कहा कि पंडित राजकुमार शुक्ल ने देश की आजादी के लिए त्याग, राष्ट्र के प्रति त्याग समर्पण और बलिदान के प्रतिमूर्ति थे। तीन कठिया पद्धति और नील आंदोलन के लिए महात्मा गांधी को चंपारण से जोड़ने का श्रेय पंडित शुक्ल को जाता है। आजादी के अमृत काल के अवसर पर अगर भारत सरकार ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी को सम्मानित करती है तो यह संपूर्ण राष्ट्र का सम्मान होगा। वही इस अवसर पर मुख्य रूप से पंडित शुक्ल के दोहेत्रि बीना देवी, सुभाष शर्मा, कमलेश कुमार, मनोज कुमार, राणा अनंत, राय राम तृप्ति महाराज, अखिलेश्वर शर्मा, चंद्रशेखर आजाद, अंजनी महाराज राय, तुहिन कुमार, तारकेश्वर महाराज, नीरज महाराज, दीपक राय, विकास कुमार, संजीत कुमार पांडे, सुनील कुमार, आशुतोष राय, समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

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