बिहार में नई कोचिंग नियमावली लागू करने की तैयारी में सरकार, शिक्षकों को सख्त निर्देशों का पालन अनिवार्य, बनेगा पोर्टल

पटना। बिहार सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने और विद्यार्थियों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से अब सरकार कोचिंग संस्थानों के संचालन को लेकर सख्त नियम लागू करने जा रही है। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा एक नई कोचिंग नियमावली तैयार की गई है, जिसे जल्द ही राज्य में लागू किया जाएगा।
कानूनी स्वीकृति की प्रक्रिया अंतिम चरण में
इस नियमावली का मसौदा विधि विभाग को भेजा जा चुका है और संभावना जताई जा रही है कि आने वाले महीने में इसे राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी। शिक्षा विभाग की यह नई गाइडलाइन पुराने नियमों में व्यापक बदलाव करते हुए बनाई गई है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता, अनुशासन और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।
सरकारी शिक्षकों पर सख्त पाबंदियां
नई नियमावली के अनुसार, अब कोई भी सरकारी शिक्षक किसी भी कोचिंग संस्थान में पढ़ा नहीं सकेगा। अगर किसी शिक्षक के कोचिंग में पढ़ाने की पुष्टि होती है, तो शिक्षा विभाग उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। इससे सरकारी शिक्षकों को उनके मूल दायित्वों की ओर केंद्रित किया जाएगा और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा।
कोचिंग संचालन के लिए अनिवार्य निबंधन
राज्य सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिना निबंधन के किसी भी कोचिंग संस्थान को संचालित नहीं किया जा सकता। नियमों के अनुसार, हर कोचिंग संस्थान को जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी से संचालन की अनुमति लेनी होगी। इसके लिए एक विशेष डिजिटल पोर्टल तैयार किया जाएगा, जिससे पूरे राज्य के कोचिंग संस्थानों की जानकारी एकत्रित और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हो सकेगी।
बुनियादी सुविधाओं पर विशेष ध्यान
नियमावली में यह भी प्रावधान किया गया है कि कोचिंग संस्थानों में छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय होना अनिवार्य होगा। साथ ही, बुनियादी सुविधाओं जैसे रोशनी, वेंटिलेशन, पीने का पानी, और आपातकालीन निकासी की व्यवस्था की भी जांच की जाएगी।
फीस संरचना में पारदर्शिता
नए नियमों के तहत कोचिंग संस्थानों को अपनी फीस संरचना सार्वजनिक करनी होगी। कोई भी संस्थान मनमानी फीस नहीं वसूल सकेगा। यदि किसी संस्थान के खिलाफ मनमानी फीस की शिकायत मिलती है तो जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
डिजिटल पोर्टल के जरिए निगरानी
शिक्षा विभाग एक डिजिटल पोर्टल की शुरुआत करने जा रहा है, जिसमें जिलावार निबंधित कोचिंग संस्थानों की सूची, कोर्स, फीस, शिक्षक संख्या और आधारभूत सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध रहेगी। इससे न केवल अभिभावकों और छात्रों को सही जानकारी मिलेगी, बल्कि प्रशासन को भी निगरानी में सुविधा होगी।
पहले के प्रयास और उनकी सीमाएं
राज्य में पहली बार 2011 में कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाए गए थे, लेकिन उनका प्रभाव सीमित रहा। इसके बाद 2022 में सुझाव आमंत्रित किए गए और 2023 में एक संशोधित नियमावली लाई गई, जिसे विरोध के चलते लागू नहीं किया जा सका। अब सरकार इस दिशा में पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ रही है। बिहार सरकार की यह पहल शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल कोचिंग संस्थानों में अनुशासन और पारदर्शिता आएगी, बल्कि विद्यार्थियों को भी गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी। यह नियमावली छात्रों, अभिभावकों और पूरे शिक्षा तंत्र के लिए एक सशक्त और प्रभावी ढांचा तैयार करेगी।
