भागलपुर में दहेज़ की भेंट चढ़ी गर्भवती महिला : आग लगाकर की आत्महत्या, 9 महीने पहले हुई थी शादी

भागलपुर। बिहार में दहेज के दानवों की काली करतूत अभी भी समाज में जारी है। वही इसी कड़ी में जिले में दहेज की खातिर फिर एक नवविवाहिता की जान चली गई। वही यह पूरा मामला कहलगांव के छोटी कैड़िया गांव में सामने आया है। जहाँ सखीचंद रमानी के पुत्र पवन कुमार की शादी झारखंड गोड्डा ऊपरबंधा गांव के रहनेवाले सुधीर रामानी की 20 वर्षीय पुत्री ज्योति कुमारी से 5 मार्च 2022 को हुई थी। वही शादी के दौरान ज्योति कुमारी के पिता सुधीर रमानी ने पवन कुमार को एक लाख रुपये और घर के कुछ घरेलू सामान दहेज में दिए थे। इससे पवन को दहेज की लत लग गई और उसने एक मोटरसाइकिल की डिमांड कर दी। मोटरसाइकिल नहीं मिलने पर पवन ज्योति को हर दिन ताना देना शुरू कर दिया। साथ ही उरेव भाषा के साथ साथ गाली गलौज और मारपीट करना शुरू कर दिया। बात यहां तक पहुंच गई की ज्योति अब परेशान रहने लगी और डिप्रेशन में चली गई। ज्योति का कहना था की मेरे पिताजी के पास इतने पैसे वाले नहीं थे, की बार-बार दहेज में आपको कुछ दे सकें। लेकिन दहेज के लोभियों ने उसकी एक नहीं सुनी।
बंद कमरे में आग की लपटों में जलने लगी ज्योति
वही 4 दिसंबर को ज्योति के ससुराल में दहेज को लेकर बहस हुई और लड़की डिप्रेशन में आकर अपने शरीर पर केरोसिन तेल डाल कर आग लगा ली। आग की लपटें इतनी तेज थी कि देखते ही देखते ज्योति का पूरा शरीर जल गया। उसे आनन-फानन में परिवार वाले ही जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल मायागंज लेकर आए और वह 20 दिनों से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही थी। अंततः 20 दिनों बाद 25 दिसंबर को उसकी मौत मायागंज अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। वही ज्योति के पिता सुधीर रमानी ने कहा की मेरी बेटी को दहेज के दरिंदों ने केरोसिन तेल छिड़ककर आग लगाकर जान से मार दिया। जबकि मेरी बेटी गर्भवती थी। उसके गर्भ में पल रहा बच्चा भी उसके साथ मर गया। मेरी बेटी 20 दिनों से तड़प रही थी। अंत में इसकी मृत्यु आज इलाज के दौरान हो गई। इसका गुनाहगार सिर्फ और सिर्फ मेरे बेटी का पति पवन और उसका परिवार है।

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