जदयू ने अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ अध्यक्ष के पद में किया बदलाव, धर्मेन्द्र चंद्रवंशी को बनाया नया अध्यक्ष

पटना। जदयू ने अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ अध्यक्ष के पद बदलाव करते हुए एक बार फिर से चंद्रवंशी समाज को दिया है। वही इस पद पर डॉ. धर्मेन्द्र कुमार चंद्रवंशी को अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया गया है। बता दे की डॉ. धर्मेन्द्र पेशे से एक दंत चिकित्सक है। बता दे की जापान के नामी निप्पोन डेंटल यूनिवर्सिटी से उन्होंने दंत चिकित्सक का पढ़ाई किया है। वही विरायतन हॉस्पिटल राजगीर में 10 वर्षों तक कार्यरत थे। वही इसके बाद इस्तीफा देकर अपने निजी हॉस्पिटल और समाज सेवा में लग गए। हमेशा समाजिक जीवन में रूझान रहा है। बिहार में शराब और गुटका तंबाकू के खिलाफ अनेकों रैलियां और कार्यक्रम आयोजन किया। वही 31 मई 2012 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर 25 किलोमीटर लंबा मानव श्रृंखला जो कि राजगीर वेणु वन से कारगिल चौक बिहारशरीफ तक शराब और तंबाकू के खिलाफ बनाया गया था। जिसका नेतृत्व डॉ धर्मेंद्र ने किया था। वही इस कार्यक्रम में लाखों की संख्या में नालंदा जिला वासी शामिल हुए थे। पिछले 25 वर्षों से दंत चिकित्सा के साथ-साथ समाज क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। गरीब व मेधावी बच्चों के पढ़ाई के लिए भी हमेशा तत्पर रहे हैं। सामूहिक विवाह करवाना हो या किसी को किसी बच्चे को इलाज की आवश्यकता हो किसी भी तरह का निशुल्क इलाज गरीबों को जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है। उनके इलाज का भी खर्च उठाते रहे हैं। वही 2020 विधानसभा में राजद के टिकट पर कुमराहार विधानसभा से चुनाव लड़े थे। इसमें इनकी सीधी फाइट भाजपा के विजय सिन्हा से थी। हालांकि, चंद वोटों से डॉ. धर्मेंद्र हार गए लेकिन अपनी उपस्थिति मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रहे और 2022 में JDU में शामिल हुए। JDU में शामिल होने के बाद पहले प्रदेश महासचिव रहे और अभी अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया। खुद CM नीतीश भी कई बार डॉ. धर्मेंद्र की तारीफ कर चुके हैं।
जापान और दिल्ली से कर चुके हैं पढ़ाई
डॉ. धर्मेद्र अपनी पढ़ाई जापान और दिल्ली में पढ़ाई कर चुके है। अपनी पूरी पढ़ाई महात्मा गांधी डेंटल कॉलेज दिल्ली, और पटना के पटना डेंटल कॉलेज, बुद्धा डेंटल कॉलेज और जापान के निप्पोन डेंटल यूनिवर्सिटी से पूरी की है। वही उनका लालन-पालन पटना में ही हुआ पटना में ही पले बढ़े, नालंदा जिला का कार्यक्षेत्र नालंदा जिला में सबसे सामाजिक काम को अंजाम दिया। क्योंकि वहां विरायतन हॉस्पिटल राजगीर में 10 साल कार्यरत रहे, उसके बाद वहां इस्तीफा देकर पटना में अपना निजी हॉस्पिटल 2012 से लगातार चला रहे हैं।

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