शराबबंदी में बिहार में सियासी घमासान जारी : सीएम नीतीश बोले- किसी को नहीं छोड़ेंगे, तेजस्वी ने कहा नौकरी भी दीजिए

पटना। बिहार विधानसभा में बुधवार को एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बीच जमकर वार-पलटवार हुआ। राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा के दौरान नीतीश कुमार ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और तंज के साथ कई हमले किये। नीतीश कुमार के संबोधन के दौरान विपक्ष की ओर से हो रही टोकाटाकी पर भी नाराज हुए। माले नेता महबूब आलम के बीच-बीच में टोकने पर यहां तक कह दिया कि घर में बैठे रहते हैं, कुछ करते तो हैं नहीं। जरा हमारी बात सुन लिया कीजिये। आज बिहार में महिला हिंसा के बारे में क्या स्थिति है, पता कीजिये। देश के औसत का आधा है। पूरे देश में 30वां स्थान है।

नीतीश ने यहां तक कहा कि आपकी पार्टी का जनहित से कोई मतलब नहीं है। नीतीश की बातों पर जब तेजस्वी समेत विपक्ष वाटआउट करने लगा तो कहा कि आपकी बात हम सुनेंगे लेकिन हमारी बात भी आप सुनिये। जो भी डाटा हम बता रहे हैं वह सही नहीं होगी तो हम कैसे बताएंगे। नीतीश ने कहा कि शराबबंदी लागू होने के बाद कितना अवेयरनेस आ रहा है। तब भी कुछ लोग क्या-क्या बोल रहे हैं। अब हम किसी को छोड़ेंगे नहीं। ड्रोन से भी छापेमारी करा रहे हैं। सतर्क रहिये, जब तक हम हैं तब तक नहीं छोड़ेंगे, हेलीकाप्टर से भी छापेमारी हो रही है।

तेजस्वी का पलटवार बोले- अपने हेलीकाप्टर और ड्रोन मंगाइयेगा और बच्चों को रोजगार औऱ शिक्षा के लिए कुछ नहीं कीजियेगा

नीतीश के ड्रोन और हेलीकाप्टर से छापेमारी पर तेजस्वी ने कहा कि शराबबंदी लागू हुई, यह तो ठीक है लेकिन टीचर को भी लगा दिया गया। टीचर पढ़ाएगा नहीं तो शराब वालों को खोजकर पिटाएगा? आप लोग ही मानते हैं कि पुलिस वाले सौ प्रतिशत पकड़ते हैं तो पांच प्रतिशत दिखाते हैं। आपने हेलीकाप्टर और ड्रोन मंगाइयेगा। बच्चों को रोजगार औऱ शिक्षा के लिए कुछ नहीं कीजियेगा। स्वास्थ्य, शिक्षा नहीं सुधारियेगा। दवा-सड़क की हालत नहीं सुधारियेगा। बिहार में सबसे महंगी बिजली है। इसे भी ठीक कीजिये। इससे पहले तेजस्वी ने कहा कि राज्यपाल पिछले चार-पांच साल से अधिकारियों द्वारा तैयार एक ही भाषण पढ़ रहे हैं। राज्यपाल अपने संबोधन के दौरान मुस्कुरा रहे थे। शायद वे समझते थे कि अधिकारियों द्वारा दिया गया भाषण वास्तव में क्या है। जो सत्यदेव जी पढ़ रहे थे, वही, बिहार की सच्चाई है, इससे कोई इंकार नहीं कर सकता।

सदन में सरकार पर आक्रामक दिखे तेजस्वी, कई मुद्दों पर सरकार को घेरा

अपने संबोधन के क्रम में उन्होंने मुल्ला नासिरुद्दीन की कहानी सुनाई और कहा कि बिल्ली है तो मीट कहां है, अगर मीट है तो बिल्ली कहां है। अगर विकास हुआ तो बेरोजगारी क्यों हैं, विकास हुआ तो नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार फिसड्डी क्यों है। तेजस्वी ने कानून व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य की स्थिति पर सवाल उठाए और कहा कि बिहार की जनता सब जानती है। इस सरकार में नीति, नीयत, नैतिकता और न्याय का घोर अभाव है। उन्होंने सरकार को लाचार, परेशान व असहाय बताया। उन्होंने एनडीए के नेताओं के बयानों में विरोधाभासों का जिक्र किया और कहा कि स्वार्थ के लिए सिर्फ कुर्सी से चिपके हुए है। अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों की आवाज को रौंदा जा रहा है।

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