कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज, छेड़छाड़ का लगा आरोप

बेंगलुरु। भाजपा के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोप में बेंगलुरु में प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनके खिलाफ पॉक्सो और भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। 17 वर्षीय लड़की की मां की शिकायत के आधार पर बेंगलुरु की सदाशिवनगर पुलिस ने ये मामला दर्ज किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कथित यौन उत्पीड़न 2 फरवरी को हुआ, जब एफआईआर दर्ज कराने वाली महिला और उनकी बेटी धोखाधड़ी के एक मामले में सहायता मांगने के लिए येदियुरप्पा के पास गईं थीं। इस मामले में येदियुरप्पा के दफ्तर से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें ऐसे 53 मामलों की एक लिस्ट जारी की गई है, जिसमें शिकायतकर्ता महिला ने अलग-अलग कारणों से केस दाखिल करवाया है। येदियुरप्पा के दफ्तर से जारी बयान में कहा गया है कि इस महिला को इस तरह की शिकायतें दर्ज करने की आदत है। येदियुरप्पा तीन बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 2008 से 2011 और 2019 से 2021 के अलावा अल्प अवधि के लिए मई 2018 में भी राज्य की कमान संभाली है।
लड़की की मां का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं, कानूनी तौर पर लड़ेंगे
वही येदियुरप्पा ने कहा कि एक महिला ने मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है। करीब 1 महीने पहले एक मां-बेटी का हमारे घर आना-जाना था। हम उन्हें अंदर नहीं जाने देते थे। एक दिन मैंने उसे आंसू बहाते देखा और उसे अंदर बुलाया और पूछा। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ बहुत अन्याय हुआ है। मैंने बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर दयानंद को फोन किया और उन्हें स्थिति के बारे में बताया और उनकी मदद करने का अनुरोध किया। इसके बाद वह मेरे खिलाफ बोलने लगीं। मुझे एहसास हुआ कि उनका (लड़की की मां) मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उन्होंने इसे तोड़-मरोड़कर एफआईआर दर्ज कराई है। हम इसे कानूनी तौर पर लड़ेंगे। इस मामले पर बीएस येदियुरप्पा के ऑफिस ने बयान जारी किया है। येदियुरप्पा के दफ्तर की तरफ से ऐसे 53 मामलों की एक लिस्ट जारी की गई है, जो शिकायतकर्ता ने पहले ही अलग-अलग चीजों को लेकर दाखिल कर रखे हैं। येदियुरप्पा के ऑफिस ने इस बात पर जोर दिया है कि शिकायतकर्ता को इस तरह की शिकायतें दर्ज करने की आदत है। पॉक्सो अधिनियम 2012 के तहत न्यूनतम सजा 3 साल की है। हालांकि, यह उस धारा के अधीन है जिसके तहत अपराध आता है। उदाहरण के लिए, धारा 4 के तहत, 16 साल से कम उम्र के बच्चे के यौन उत्पीड़न के लिए अदालत द्वारा तय की गई न्यूनतम सजा 20 साल की जेल और जुर्माना है।

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