पटना हाईकोर्ट ने बिजली विभाग को दिया सख्त निर्देश, ग्राहकों की समस्या के समाधान हेतु 3 सप्ताह में करें फोरम का गठन

पटना। इस समय बिहार सरकार और बिहार में बिजली विभाग के बिजली कंपनियों के द्वारा पूरे राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। बिजली कंपनियों ने साल 2022 के अंत तक राजधानी पटना के हर घर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन स्मार्ट मीटर की सुविधा के साथ-साथ इसके उपभोक्ताओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जैसे अधिक यूनिट का उठना, टैरिफ की समस्या तथा ऑनलाइन रिचार्ज करने संबंधी समस्या कल लोगों को सामना करना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं की इसी समस्या पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने बिहार की बिजली कंपनियों को सख्त निर्देश दिए हैं। बता दें कि हाईकोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान करने के लिए आगामी 3 सप्ताह के अंदर एक फोरम का गठन करें जिसके द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान हो सकेगा।

मिली जानकारी के मुताबिक पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ इलेक्ट्रॉनिक बिजली मीटर की जांच करने पर दायर याचिका की सुनवाई कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने फोरम स्थापित करने का निर्देश दिया है। जानकारी के अनुसार इस संबंध में न्यायालय ने कहा है कि बिहार विद्युत (संशोधन) नियमावली, 2020 के अंतर्गत विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम को अनिवार्यतः स्थापित किया जाए। इस मामले में 3 सप्ताह के बाद कोर्ट ने प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इसके साथ-साथ इस मामले में हाई कोर्ट में अगली सुनवाई आगामी तीन हफ्तों के बाद की जाएगी। हालांकि कोर्ट ने बिजली कंपनियों को इस समस्या का निराकरण करने का स्पष्ट आदेश दिया है।

बता दें कि बिहार देश का ऐसा पहला राज्य है जहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। सरकार के इस प्रयोग के बाद साल 2021 में बिहार में कुल चार लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं वहीं बिजली कंपनियों ने साल 2025 तक बिहार में एक करोड़ 70 लाख से भी अधिक स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वही स्मार्ट मीटर लग जाने के बाद इसके उपभोक्ताओं को बैलेंस अधिक कटने की शिकायत सामने आ रही है जिसके ऊपर हाईकोर्ट ने अपना स्पष्ट और बिजली कंपनियों को सख्त हिदायत दे दी है।

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