युवाओं में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने के लिए जागरूकता जरूरी: डॉ. सहजानंद
पटना। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, बिहार और इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी, बिहार के तत्वावधान में ‘जीवन के पक्ष में: आपके साथ हम’ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन आईएमए हॉल में किया गया। इस दौरान युवाओं को आत्महत्या से रोकने के लिए जागरूक करने का संकल्प लिया गया। वहीं इस कार्यक्रम में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार, राज्य सचिव ब्रिजनंदन कुमार, डॉ. केपी सिंह, पीएमसीएच में साइकेट्रिक विभागाध्यक्ष डॉ. पीके सिंह, इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी के महासचिव डॉ. विनय कुमार और सचिव डॉ. नुपूर निहारिका ने आत्महत्या रोकथाम विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वे उच्च जोखिम वाली आबादी यानी युवाओं के बीच जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला को पूरा करने की योजना बना रही हैं। इसलिए उक्त कार्यक्रम की शुरूआत की जा रही है।देखें वीडियोः भारत बंद की पूर्व संध्या पर विपक्ष का मशाल जूलूस डॉ. सहजानंद ने कहा कि युवाओं में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति से मैं व्यक्तिगत रूप से आहत हूं। आज का यह कार्यक्रम उस प्रवृत्ति को चाइलेंज करने वाला है, जो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, बिहार और इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी ने किया है। युवाओं में आत्माहत्या की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने के लिए इस तरह की जागरूकता कार्यक्रम की सख्त जरूरत है। डॉ. अजय ने कहा कि सुसाइड आज सिर्फ शहरों की समस्या नहीं है। इसका असर गांवों में भी देखने को मिलता है। इस कार्यक्रम को बिहार भर में चारों ओर ले जाने की जिम्मेवारी इन दोनों संस्थानों ने ली है, जो सराहनीय है। वहीं डॉ. विनय ने कहा कि आत्महत्या के 80 फीसदी मामले डिप्रेशन की वजह से सामने आते हैं, जिसका उपचार किया जा सकता है। इसे संभालने के लिए कुशलता की जरूरत है। इस मानसिक बीमारी के हिंटस को पकड़ना बेहद महत्वपूर्ण होता है। सोसाइटी की सचिव डॉ. नुपूर निहारिका ने कहा कि सुसाइड अननेचुरल डेथ है, जो अपनी हत्या के लिए खुद जिम्मेवार होता है। इसके अलावा कार्यक्रम में अन्य कई वक्ताओं ने कहा कि दुनिया भर में आत्महत्या से होने वाले 8,00,000 मामलों में 17 फीसदी भारतीय की होती है। इस कारण से 15 से लेकर 29 वर्ष के बीच के मरने वालों में आत्महत्या दूसरी प्रमुख वजह है। दुनिया भर में हर एक लाख में सुसाइड से मरने वालों की संख्या औसतन 12 है। कार्यक्रम का संचालन इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी बिहार के अध्यक्ष यूके सिन्हा ने किया।