PATNA : 28 करोड़ निकासी मामले में बर्खास्त बैंक मैनेजर गिरफ्तार, भाई ने SSP को सौंपा ज्ञापन

पटना। राजधानी पटना स्थित कोटक महिंद्रा की विभिन्न शाखाओं से एनएचएआई के खाते से 28 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में केस दर्ज कर गांधी मैदान थाने की पुलिस ने कोटक महिंद्रा के बोरिंग रोड शाखा के मैनेजर सुमित कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक आरोपित शुभम कुमार पहले ही जेल जा चुका है। गिरफ्तारी के बारे में पुलिस ने कोर्ट को भी अवगत करा दिया है। गांधी मैदान थाना प्रभारी रणजीत कुमार वत्स ने पुष्टि करते हुए बताया कि घटना के बाद से ही बैंक मैनेजर सुमित बीमार हैं। उनका इलाज राजाबाजार के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। स्वस्थ होने तक उनका इलाज पुलिस की देखरेख में होगा। अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर पुलिस उन्हें जेल भेजेगी।
बता दें एनएचएआई के खाते से 28 करोड़ रुपये गलत नाम और पते पर खोले गये खातों में स्थानांतरित किये जाने के मामले में आंतरिक जांच में बैंक मैनेजर सुमित कुमार की संलिप्तता उजागर होने के बाद बैंक प्रशासन की ओर से बीते सोमवार को ही सुमित कुमार को बैंक की नौकरी से निकाल दिया गया था। आरोपित सुमित कुमार इससे पहले एक्जीबिशन रोड ब्रांच में सेंकेंड लाइन मैनेजर थे, लेकिन 30 जून को प्रोन्नति देकर उन्हें बोरिंग रोड ब्रांच का मैनेजर बनाया गया था।
आरोपी शाखा प्रबंधक के भाई ने एसएसपी को ज्ञापन सौंपा
इधर, एग्जीवीशन रोड स्थित कोटक महिंद्रा बैंक फर्जीवाड़े मामले में आरोपी बनाये गए कोटेक महिंद्रा, बोरिंग रोड के शाखा प्रबंधक सुमित कुमार के भाई संतोष कुमार ने एसएसपी से मिलकर एक ज्ञापन सौंप कर न्याय की गुहार लगाई। संतोष कुमार ने बताया कि उनका भाई निर्दोष है और इस वक्त अस्पताल में भर्ती है।
संतोष कुमार ने ज्ञापन में कहा कि मेरे भाई सुमित कुमार के द्वारा किसी भी तरीके का रकम फर्जी तरीके से हस्तांतरण नहीं करने के बावजूद भी कोटेक महिंद्रा के वरीय पदाधिकारियों ने स्वयं को और अपने चहेते कर्मियों को बचाने के लिए उन्हें फंसाने का प्रयास किया। जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। दरअसल कोटेक महिंद्र बैंक के एग्जीवीशन रोड शाखा में जो फर्जीवाड़ा हुआ है, उसका मुख्य सरगना कथित बैंक के शाखा प्रबंधक अभिषेक राजा और क्षेत्रीय प्रबंधक राजकिशोर सिंह हैं, जिन्होंने बीते 2 जनवरी को फर्जी आरटीजीएस फॉर्म मामले में फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया। जबकि मेरा भाई बोरिंग रोड शाखा में है और उस दिन वहां भी मौजूद नहीं है। ज्ञापन में संतोष कुमार ने पूरे घटनाक्रम से एसएसपी को वाकिफ करवाया और मामले की निष्पक्ष जांच के साथ अविलंब प्राथमिकी दर्ज कराकर कथित दोषियों की जालसाजी का पर्दाफाश करने के साथ अपने निर्दोष भाई को पूछताछ के बाद हिरासत से छोड़ने का आग्रह किया।

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