पारा मेडिकल छात्रों की जिंदगी से खेलने वाले प्राचार्य हों बर्खास्त

पटना सिटी (आनंद केसरी)। बिहार राज्य पारा मेडिकल छात्र संघर्ष समिति एनएमसीएच इकाई के छात्रों द्वारा एनएमसीएच निश्चेतना विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार के कार्यालय में पारा मेडिकल छात्रों का जत्था पहुंचा। इसके बाद कई घंटे विभागाध्यक्ष को बंधक बना अपनी मांगों के समर्थन ने नाराबाजी किया। मौके पर बिहार राज्य पारा मेडिकल छात्र संघर्ष समिति के राज्य संयोजक भारत भूषण ने कहा कि बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत पारा मेडिकल छात्रों को जानबूझ कर मौखिक एवं प्रायोगिक परीक्षा मे फेल कर दिया गया है। हर वर्ष सिर्फ 10 प्रतिशत पारा मेडिकल छात्र ही बिहार में पास करते हैं। इस बार 2018 के रिजल्ट में भी सिर्फ 10 प्रतिशत ही सरकारी मेडिकल कॉलेज के छात्र पास किए हैं। यह भी बिहार सरकार के लिए एक बड़ा सवाल है। छात्रों के हित के लिए कापी का पुनर्मूल्यांकन होना चाहिए।
विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार छात्रों के साथ मानसिक व शारीरिक रूप से कई वर्षों से शोषण कर रहे। घर पर सब्जी लाने से लेकर गाड़ी धुलवाने तक का काम कराते हैं। डीएमसीएच इकाई के सुरेंद्र कुमार सुमन ने कहा कि छात्रों के साथ यह बिहार सरकार एवं प्राचार्य विभागाध्यक्ष के लिए भी शर्मनाक है। इसमें सुधार बहुत जरूरी है।
उपस्थित छात्रों में ललन कुमार, दिग्विजय सिंह, आशुतोष, नीलम, सुरेंद्र कुमार सुमन, विवेक अजीत, निक्की, चंदन भगत, सरोज, विनोद, सन्नी कुमार, अंजली, विशाल, मोहन आदि आंदोलन में शामिल थे।

About Post Author

You may have missed