हत्या नहीं, नरसंहार है मधुबनी की घटना : कांग्रेस

  • मृतकों के आश्रितों को 20-20 लाख रूपया, एक-एक नौकरी दे बिहार सरकार

पटना। बिहार कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा के द्वारा मधुबनी नरसंहार की जांच के लिए छ: सदस्यीय टीम गठित की गयी थी। टीम ने नरसंहार स्थल का दौरा करने के बाद बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान कमिटी के सदस्य पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से महमदपुर गांव की घटना घटी है, वह हृदय विदारक है। घटना को अंजाम देने वाले दस्ता पहले गोलियों से एक-एक करके भूना फिर खुखरी से शरीर के कई भागों को काटकर इस घटना का अंजाम दिया। सरकार इस घटना को मात्र हत्या का रूप देना चाहती है जबकि मुख्य आरोपी प्रवीण झा एवं उसके भाई द्वारा संचालित रावण सेना के कई दर्जन अपराधियों ने मिलकर इस घटना का अंजाम दिया।
नरसंहार के लिए सीधे प्रशासन जिम्मेदार
पूर्व मंत्री श्री सिंह ने कहा कि मुख्य आरोपी प्रवीण झा का प्रशासन और सरकार का अपराधियों को पहले से सह प्राप्त था। जिस नरसंहार में पांच लोगों की हत्या की गई, उसमें एक सीमा सुरक्षा बल का अधिकारी को भी रावण सेना के लोगों ने न केवल गोली मारकर हत्या की बल्कि गोली मारने के बाद उसके कई अंगों को खुखरी से काटा। जब उसकी मौत हो जाती है तो न्याय तो दूर की बात है, उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि भी नहीं की गई, न तिरंगा ओढ़ाकर सम्मान दिया गया। इसके लिए सीधे प्रशासन जिम्मेदार है।
सरकार पीड़ित परिवारों को 20 लाख मुआवजा और नौकरी दे
कांग्रेस मांग करती है कि नरसंहार में मारे गये व्यक्तियों के आश्रितों को बिहार सरकार 20-20 लाख रूपया मुआवजा और एक-एक नौकरी अतिशीघ्र दे। इस नरसंहार पर सरकार से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि अब इतने बड़े नरसंहार के बाद भी नीतीश कुमार स्वयं या उनके कोई मंत्री अधिकारिक तौर पर पीड़ित परिवार से मिलने क्यों नहीं पहुंचे। वहीं जांच टीम के अन्य सदस्य विधायक आनन्द शंकर एवं पूर्व विधायक मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार चाहती तो इस नरसंहार को रोका जा सकता था।
भाजपा इतने बड़े घटना को गंभीरता से नहीं ली
प्रेस वार्ता में बिहार कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने सवालिया लहजे में कहा कि हर छोटी-बड़ी घटना पर दौड़ कर चले जाने वाले सुशील मोदी इतने बड़े नरसंहार होने के बावजूद अब तक पीड़ित परिवार से मिलने क्यों नही पहुंचे? आखिर किस भय के वजह से सुशील मोदी अब तक चुप हैं। वहीं दूसरी ओर विधान परिषद में उपनेता नवल किशोर यादव महमदपुर नरसंहार पर पत्रकार द्वारा पूछे गये सवाल पर करनी-सेना, धरनी-सेना के शब्द का उपयोग कर उपहास उड़ाया। इससे स्पष्ट है कि भाजपा इतने बड़े घटना को गंभीरता से नहीं ली है। प्रेस वार्ता में पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद भी मौजूद थे।

About Post Author

You may have missed