जीवन में अब मर जाएंगे लेकिन भाजपा के साथ फिर नहीं जाएंगे, चुनाव आने दीजिए सब पता चल जाएगा : सीएम नीतीश

  • भाजपा के बयान पर मुख्यमंत्री ने किया पलटवार, बिहार की राजनीति हुई गर्म

पटना। बिहार बीजेपी के दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ कि अब बीजेपी कभी भी जेडीयू के साथ गठबंधन नहीं करेगी। बीजेपी के इस फैसले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा बयान आया है। सीएम नीतीश ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि मरते दम तक वे बीजेपी के साथ नहीं जायेंगे। उन्होंने कहा कि मर जाना कबूल है लेकिन बीजेपी के साथ जाना कबूल नहीं है। नीतीश ने कहा कि हम लोग तो अटल जी को मानने वाले हैं। बीजेपी को छोड़ दिया तो जबरदस्ती पीछे पड़ कर साथ आए थे। 2020 में हम तो मुख्यमंत्री बनना नही चाहते थे लेकिन पीछे पड़कर बनाया। चुनाव तो होने दीजिए सब पता चल जायेगा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गांधी संग्रहालय पहुंचे थे। इस मौके पर जब मीडिया ने सीएम से बीजेपी द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव के बारे में पूछा तो नीतीश तिलमिला गए और दो टूक जवाब दे दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाल ही नहीं पैदा होता है कि वे अब कभी भी बीजेपी के साथ जाएंगे। उन्होंने कहा कि मर जाना कबूल है लेकिन उनके साथ जाना कबूल नहीं है। उन्होंने महात्मा गांधी पर कहा कि बापू तो सबको बचा रहे थे। इसके बाद भी उनकी हत्या कर दी गई, क्यों हत्या की? वह मुसलमानों की भी रक्षा कर रहे थे। ये चीजें किसी को नहीं भूलना है। आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग जितना भी भुलवाना चाहें या झगड़ा लगवाएं। हमें किसी भी हालत में इसे मंजूर नहीं करना है। ये सब बोगस बातें हैं, वो किस लिए ऐसा बोलते हैं मुझे तो समझ में ही नहीं आता है। नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोगों का अब सवाल ही पैदा नहीं होता है। मर जाना कबूल है लेकिन उनके साथ जाना हम कभी नहीं कबूल है। ये अच्छी तरह जान लीजिये। ये बोगस बात है। काहे के लिए बोल रहा है। एतना मेहनत करके हमको अपने साथ लाया था। क्या-क्या कर दिया था। बिना मतलब के तेजस्वी के पिता जी पर केस कर के क्या क्या कर दिया था। अब बिना मतलब के केस किया था। अब हम फिर अलग हुए हैं तो कुछ कुछ करने में लगा है। यही सब चक्कर में है। मेरी पार्टी का सब लोग बोलता था कि वही लोग हम लोगों को चुनाव हरवाया था। उ लोग जो जीता वो तो हम लोग के वोट से जीता था। वही नीतीश ने कहा-आगे का चुनाव होगा तब न देखियेगा। काहे के लिए चिंता कर रहे हैं। बिहार को ठीक से जान लीजिये। जितना हम लोगों ने इज्जत दिया है। भूल गये हैं-जब हमारे साथ एलायंस था तो 2005 और 2010 के चुनाव में कौन कितना सीट जीता था। उस समय भी गडबड़ी करता था
बीजेपी ने प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश के साथ ना जाने का पास किया प्रस्ताव
वही इसके पहले बीजेपी ने कहा था कि 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार 43 सीट भी इसलिए जीत पाये क्योंकि बीजेपी ने सारी ताकत झोंक दी थी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार आकर नीतीश कुमार की पार्टी के लिए प्रचार किया। वर्ना वे तो 15 सीट भी नहीं जीत पाते। अब नीतीश कुमार राजद के साथ रहें या किसी दूसरी पार्टी के साथ जायें। उस पार्टी को भी ले डूबेंगे। उनके पास वोट दिलाने की क्षमता नहीं रह गयी है। बीजेपी तो खुश है कि वह छोड़ कर चले गये। अब बीजेपी अपनी ताकत के बल पर 2025 में बिहार में सरकार बनायेगी। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी प्रचंड बहुमत से जीतेगी। लिहाजा अब कोई सवाल ही नहीं होता कि नीतीश कुमार से इस जिंदगी में कोई समझौता होगा। वही जब सुशील मोदी से उपेंद्र कुशवाहा के बीजेपी के साथ आने पर सवाल पूछा गया। मोदी ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। ये जेडीयू के अंदर का मामला है। पत्रकारों ने सवाल पूछा कि क्या उपेंद्र कुशवाहा की बीजेपी से कोई बात हुई है। सुशील मोदी ने कहा कि ना तो उन्हें जानकारी है और ना ही वे किसी दूसरी पार्टी के नेता से बात करने के लिए अधिकृत हैं।

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