मंत्री रामसूरत राय ने कहा- तबादले में मेरी कोई गलती नहीं, 80 CO के तबादले विधायकों एवं विधान पार्षदों के आग्रह पर किए गए

पटना। नीतीश सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने विभाग में हुए तबादले पर रोक के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश को दिल पर ले लिया है। उन्होंने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि तबादले में मेरी कोई गलती नहीं है। हमें पद की कोई लालसा नहीं है। मंत्री का स्वतंत्र अस्तित्व न रहे तो विभाग चलाने में कठिनाई होती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि तबादलों को रद करना और उसकी समीक्षा करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। मुख्यमंत्री के आदेश पर 30 जून वाले तबादले रद हुए। समीक्षा के बाद फिर नए आदेश जारी होंगे। मालूम हो कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 30 जून को करीब 150 अंचलाधिकारियों के साथ 300 से अधिक अधिकारियों के तबादले हुए थे। मुख्यमंत्री तक पहुंची गड़बड़ी की शिकायतों के बाद 8 जुलाई को तबादले रद कर दिए गए।
मंत्री रामसूरत कुमार ने तबादलों में लेन देन के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कह कि कहने से क्या होता है। कोई इस आरोप को प्रमाणित कर दे। मुख्यमंत्री ने खुद कहा था कि तबादले में विधायकों-विधान पार्षदों के आग्रह का सम्मान किया। 80 अंचलाधिकारियों के तबादले विधायकों एवं विधान पार्षदों के आग्रह पर किए गए हैं। इनमें एनडीए के अलावा दूसरे दलों के भी विधायक हैं। उनके पास प्रमाण है। जरूरत पड़ने पर इसे सार्वजनिक भी कर सकते हैं। मंत्री ने आगे कहा कि विधायकों के आग्रह पर तबादला गलत है तो गलती हुई है। लेकिन, इसके लिए वे जिम्मेवार नहीं हैं। उन्होंने तो विधायकों का सम्मान किया है। उनके विभाग में भू माफिया सक्रिय हैं। इनमें राजनेता, अधिकारी और कर्मचारी हैं। कई आइएएस भी हैं। इन माफियाओं की लाबी की नजर जमीन पर टिकी हुई है। वे पिछले 20 महीने से इन माफियाओं को ध्वस्त करने में लगे हैं। कई नए कानून बनाए गए हैं। भू माफियाओं पर बुलडोजर चले हैं।

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