PATNA : NMCH में आक्सीजन खत्म होने की खबर फैलते ही अस्पताल प्रशासन के फूलने लगे हाथ-पांव, मचा हंगामा

पटना। कोविड डेडिकेटेड अस्पताल घोषित होने के एक सप्ताह बाद भी एनएमसीएच में आक्सीजन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की जा सकी है। शुक्रवार की रात तीन घंटों तक डीएम व एसएसी के साथ इसी मसले पर चली मैराथन बैठक और आश्वासन भी बेअसर साबित हुई। कोरोनो मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही अस्पताल प्रशासन आॅक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य मंत्री, विभाग के प्रधान सचिव, मानवाधिकार आयोग से लेकर पुलिस-प्रशासन तक से गुहार लगाता रहा है, लेकिन पूरी तरह से इसका समाधान नहीं किया जा सका है। शनिवार की दोपहर एक बार फिर कुछ ही मिनटों में आर्थो, इएनटी व गायनी विभाग में आक्सीजन खत्म होने की खबर फैलते ही अस्पताल प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे। अस्पताल में हंगामा शुरू हो गया और इस बार भी अंतिम समय में आक्सीजन अस्पताल पहुंचा। सिलेंडर आता देख सभी ने राहत की सांस लिया।
एनएमसीएच के प्राचार्य डॉ. हीरा लाल महतो व अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह का कहना है कि भर्ती सभी 364 मरीज आक्सीजन पर हैं। आक्सीजन की खपत के अनुसार सिलेंडर का अस्पताल में भंडारण सुनिश्चित करने को लेकर अब तक हर स्तर से केवल आश्वासन ही मिला है। हर दिन हंगामा के हालात उत्पन्न हो रहे हैं। अस्पताल प्रशासन के साथ मरीजों और स्वजनों को यह डर सताता है कि सिलेंडर की अंतिम खेप मैनीफोल्ड में खत्म होने तक आॅक्सीजन नहीं पहुंचा तो क्या होगा? एक साथ कई मरीजों की जान दांव पर लगी रहती है।
पहले भी दिखा था ऐसा दृश्य, एनएमसीएच सुप्रिटेंडेंट ने लगाई थी गुहार
बता दें इसके पहले बीते दिनों कुछ ऐसा ही दृश्य एनएमसीएच में देखने को मिला था, उस वक्त भी आॅक्सीजन कुछ ही घंटों के बचे थे। ऐसा लगा था कि आक्सीजन समय पर नहीं पहुंचता तो गोरखपुर हॉस्पीटल कांड की पुनरावृत्ति हो सकती थी। जिसके बाद एनएमसीएच के सुप्रिटेंडेंट डॉ. विनोद कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को पत्र लिखा था। उन्होंने अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए आक्सीजन सिलेंडर की भारी कमी का जिक्र करते हुए कहा था कि इसके कारण हमेशा अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों की जान जाने की संभावना बनी रहती है, वो सशंकित रहते हैं कि आक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की अगर मृत्यु होती है तो इसके बाद सारी जवाबदेही उनके यानी सुप्रिटेंडेंट के ऊपर डालते हुए कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाते हुए पत्र में लिखा था कि एनएमसीएच में जितने आक्सीजन की जरूरत है, उतना नहीं मिल रहा है। ये आक्सीजन दूसरे अस्पतालों में भेजे जा रहे हैं। ऐसे हालात में डॉ. विनोद कुमार सिंह ने गुहार लगाई थी कि उन्हें एनएमसीएच के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट पद से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया जाए।

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