आप प्रत्याशी शैली ओबेरॉय बनी दिल्ली की नई मेयर, बीजेपी प्रत्याशी की हुई हार

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय दिल्ली की नई मेयर चुन ली गई हैं। उन्होंने बीजेपी की रेखा गुप्ता को हराया है। शैली ओबेरॉय को 150 वोट मिले, जबकि रेखा गुप्ता को 116 वोट। बुधवार, 22 फरवरी को मेयर चुनाव के लिए चौथी बार सदन बुलाया गया। इसके बाद सदन में शांतिपूर्वक वोटिंग हुई। इस दौरान कोई विरोध नहीं हुआ और न ही किसी तरह की नारेबाजी हुई है। बुधवार को करीब साढ़े 11 बजे वोटिंग शुरू हुई। जो 2 घंटे से ज़्यादा वक्त तक चली। मेयर चुनाव में दिल्ली के कुल 10 मनोनीत सांसदों, 14 मनोनीत विधायकों और 250 में से 241 निर्वाचित पार्षदों ने वोट किया। कांग्रेस के 9 पार्षदों ने मेयर चुनाव का बायकॉट करते हुए वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
10 साल बाद पूरे शहर को मिली महिला मेयर
दिल्ली को 10 साल बाद पूरे शहर के लिए महिला मेयर मिली है। 1958 में दिल्ली नगर निगम का गठन हुआ था और उसी साल पहली मेयर के रूप में स्वतंत्रता सेनानी अरुणा आसफ अली चुनी गई थीं। जबकि लॉ स्कॉलर रजनी अब्बी 2011 में एमसीडी के तीन हिस्सों में बंटवारे से पहले आखिरी मेयर थीं। जनवरी 2012 में कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार ने दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्सों में बांट दिया था। साल 2022 में फिर से तीनों को एक कर दिया गया। एमसीडी के सदन का कार्यकाल पांच साल का होता है, लेकिन मेयर का कार्यकाल एक साल के लिए होता है। नियम है कि पहले साल महिला पार्षद को ही मेयर चुना जाएगा। इसके बाद दूसरे साल मेयर का पद सामान्य होता है, जिसमें कोई भी पार्षद चुना जा सकता है। तीसरे साल मेयर पद दलित समुदाय के लिए रिजर्व होता है। चौथे और पांचवें साल मेयर का पद अनारक्षित होता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुई वोटिंग
दिल्ली एमसीडी चुनाव के नतीजे पिछले साल 7 दिसंबर को आ गए थे। एमसीडी चुनाव में आप ने 134 सीटें जीतीं जबकि बीजेपी को 104 सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद से तीन बार सदन की बैठक बुलाकर मेयर चुनने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। हालांकि हंगामे के चलते तीनों बार ऐसा न हो सका। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने जल्द से जल्द चुनाव कराने के निर्देश जारी किए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि एलजी द्वारा नामित किए पार्षद मेयर के चुनाव में वोट नहीं डालेंगे।

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