नाटक के माध्यम से की गई सर्वधर्म समभाव की भावना की प्रस्तुति

फुलवारीशरीफ । सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच के साप्ताहिक नुक्कड़ नाटक की श्रृंखला में महेश चैधरी द्वारा लिखित एवं डॉ.अनिल द्वारा निर्देशित धर्म की कोई दीवार नहीं की प्रस्तुति बाल्मी में की गयी । नाटक की शुरुआत सौरभ राज के स्वरबध्द गीत- हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबके दिलों के जान यही है मेरा हिंदुस्तान…… से हुई।
नाटक मे सच घटना पर आधारित मनेर नगरी के बेसहारा हिंदू वृद्ध महिला दौलतिया देवी का अंतिम संस्कार करने वाले मुस्लिम युवक जावेद खान और उसके चाचा चंदू खान ने मुखाग्नि देकर जो सराहनीय कार्य किया है। उस घटना का रूपांतरित नाटक धर्म की कोई दीवार नहीं में यह दिखाया गया कि हमारा संविधान हमारे देश की विविध संस्कृति सहित तमाम विविधताओं को संयोजकर एक सुत्र में पिरोता है । धर्म निरपेक्षता की बात करते हुए समाज में सर्व धर्म समान की बात कही गई है। यही हमारे देश की विशेषता है। मंच के कलाकार महेश चैधरी, मोनिका, सौरभ,अमन, आर्यन, यश, आयुष, करण, प्रमोद,सौरव, छविकांत, वंशिका, रौनक, वैभव कृष्णा थे।

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