मोर दुष्कर्म कांड ने पकड़ा तूल, नीतीश सरकार पर उठ रही ऊंगुली

मोर दुष्कर्म कांड में लिप्त बलात्कारियों को स्पीडी ट्रायल कराकर फांसी दिया जाय

पटना। मोर दुष्कर्म कांड ने तूल पकड़ लिया है। राजद नीतीश सरकार को घेरने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। राष्ट्रीय जनता दल के अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. रामबली सिंह चन्द्रवंशी के नेतृत्व में मोकामा के मोर गांव में दो अतिपिछड़ी जातियों एवं एक दलित नाबालिग बालिकाओं के साथ किए गए सामूहिक बलात्कार पीड़िता के घर पर जाकर पीड़ित परिवार से मिला और वस्तु स्थिति की जानकारी लिया और पाया कि वहां का प्रशासन इस घटना को दबाना चाह रही है और पीड़िता के कपड़े को अभी तक फोरेंसिक जांच के लिए भी नहीं भेजा गया है, जिससे साक्ष्य मिटाने की साजिश की बू आ रही है। प्रो. रामबली ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि पीड़िता का 164 का बयान दर्ज किया गया तो उस समय किसी भी पुरूष या महिला को साथ नहीं रखा गया। अभी तक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उल्टे पीड़िता पक्ष को धमकाने एवं केस वापस लेने हेतु फर्जी केस भी किया गया है। प्रशासन पूरी तरह बलात्कारियों के प्रभाव में है और सरकार द्वारा इस केस को समाप्त करने की तैयारी चल रही है। उन्होंने बाढ़ की एएसपी, मोकामा थाना प्रभारी एवं खानापूर्ति करने वाले डॉक्टरों को अविलंब निलंबन करने की मांग राज्य सरकार से की है। बता दें मोकामा थाना के मोर गांव में विगत 8 दिसम्बर को बलात्कार कांड की घटना की भयावहता को देखने के लिए शुक्रवार को राजद अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. रामबली सिंह चन्द्रवंशी के साथ सुरेन्द्र कुमार मुखिया, मो. गुलाम रब्बानी एवं सत्येन्द्र पासवान थे और उन्होंने बाढ़ में बजाप्ता संवाददाता सम्मेलन का आयोजन भी किया था। इन नेताओं ने कहा कि आये दिन राज्य में अतिपिछड़ा एवं दलितों के साथ बलात्कार की घटना घट रही है और नीतीश सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। इन नेताओं ने सरकार से मांग किया है कि इस घटना की जांच के लिए एसआईटी गठन कर स्पीड ट्रायल कर आरोपितों को फांसी की सजा दिलायी जाय।

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