गरीब-गुरबा के शोषण का विरोध करने वाली महिला कॉ. मिंकू का लंबी बीमारी से निधन, संपतचक में शोक की लहर

फुलवारी शरीफ, (अजीत)। शुक्रवार की रात्रि में संपतचक की जुझारू महिला नेत्री 60 वर्षीय कॉमरेड मिंकू देवी का सोनाडीह गांव में लंबी बीमारी से मृत्यु हो गयी। मिंकू देवी के निधन की समाचार मिलते ही संपतचक और आसपास के इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने बताया कि संपतचक, धनरूआ, गौरीचक और आसपास के इलाके में जब कभी किसी गरीब के साथ अन्याय और शोषण की खबर मिलती तब मिंकू देवी थाना ब्लॉक से लेकर जिला तक की लड़ाई लड़ने में कभी पीछे नहीं रहती थी।


शनिवार को कॉमरेड मिंकू देवी के पार्थिव शरीर के सामने सैकड़ों की संख्या में जमा माले नेताओं व कार्यकर्ताओं ने 2 मिनट का मौन रख शोक श्रद्धांजलि देते हुए लाल सलाम पेश किया तो देखने वाले दंग रह गए। इतनी बड़ी संख्या में किसी महिला नेत्री को श्रद्धांजलि देने उमड़े लोग कॉमरेड मिंकू देवी को लाल सलाम के नारे के साथ उनकी शव यात्रा में शामिल हुए। उनका शव यात्रा सोना गोपालपुर ढीह से निकलकर संपतचक तक गया।
भाकपा माले नेताओं ने बताया कि कॉमरेड मिंकू देवी भाकपा माले प्रखंड कमेटी व एपवा संगठन संपतचक की संयोजक रही। शुरूआती दौर में धनरूआ के कुश वन में इनका घर था, जहां मिंटू देवी पढ़ी-लिखी। अच्छी सोच व सामाजिक महिला के रूप में सामंती लोगों के शोषण-दमन के खिलाफ गरीब जनता को संगठित करके संघर्ष के बुते वंचितों के अधिकार की लड़ाई को जिला तक धार देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कॉ. मिंकू 1998 में पार्टी से जुड़ी, उस समय से आज तक पार्टी का कामकाज करती रही और सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थी। आज मिंकु देवी अपने पीछे चार पुत्र व तीन पुत्री छोड़कर गई हैं। माले नेताओ ने कहा कि रिंकू देवी के संकल्प को आगे बढ़ाना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगा। शोक श्रद्धांजलि में सत्यानंद कुमार, जितेंद्र राम, जगदीश आर्य, धनराज पासवान, अक्लु पासवान, रामसिंगार पासवान, गनौरी पासवान, जोगिंदर मांझी, जनार्दन पासवान, सुधीर पासवान और साथ में सैकड़ों ग्रामीण व पूरा परिवार शामिल हुए।

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